कर्नाटक में शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Controversy) का असर देश के तमाम कोनों तक दिखने लगा है। अब मध्य प्रदेश के दतिया की एक कॉलेज ने अपने छात्र-छात्राओं से कॉलेज में समुदाय विशेष की पोशाक और हिजाब नहीं पहनकर आने के लिए कहा है। उधर, कर्नाटक के शिवमोगा जिले के एक सरकारी हाईस्कूल द्वारा हिजाब पहनकर आने से मना करने पर 13 छात्राओं ने कक्षा 10 की प्रारंभिक परीक्षा देने से इनकार कर दिया।
मध्य के दतिया के पीजी गर्वनमेंट कॉलेज ने परिसर में हिजाब को लेकर एक सूचना जारी किया है। कॉलेज में हिजाब पहने दो छात्राओं का एक वीडियो सामने आने के बाद कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इस सूचना को जारी किया। कॉलेज द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “महाविद्यालय में समस्त प्रवेशित छात्र/छात्राओं छात्र/छात्राओं को सूचित किया जाता है कि किसी समुदाय विशेष से संबंधित अथवा किसी अन्य विशेष वेश-भूषा जैसे हिजाब आदि में प्रवेश ना करें। समस्त छात्र/छात्राएँ शिक्षा के इस मंदिर में शालीन एवं सभ्य वेशभूषा में प्रवेश लें।”
Madhya Pradesh | A PG Govt College in Datia asks its students to “not wear community-specific outfits, hijab in college,” following a demonstration by some protesters after a video showing two students wearing hijab in the college emerged
— ANI (@ANI) February 15, 2022
(Pic 2: Screenshot from viral video) pic.twitter.com/alNJQSgtyk
इस मामले पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दतिया के पीजी कॉलेज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रिंसिपल द्वारा निकाले गए आदेश की जाँच के लिए दतिया के कलेक्टर को निर्देश दिया गया है। मिश्रा ने कहा, “प्रदेश सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है #Hijab पर बैन को लेकर सरकार के पास कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है इसलिए कोई भ्रम ना फैलाएँ।”
दतिया के पीजी कॉलेज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रिंसिपल द्वारा निकाले गए आदेश की जांच के लिए दतिया कलेक्टर को निर्देशित किया है।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 15, 2022
प्रदेश सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है #Hijab पर बैन को लेकर सरकार के पास कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है इसलिए कोई भ्रम ना फैलाएं। pic.twitter.com/i6S1EOnlrk
उधर कर्नाटक के शिवमोगा जिले के गवर्नमेंट पब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने परीक्षा के दौरान स्कूल की मुस्लिम लड़कियों को उनके हिजाब उतारने का आदेश दिया, लेकिन लड़कियों ने इससे साफ मना कर दिया और परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर उन पर हिजाब उतारने के लिए दबाव डाला गया तो वे स्कूल छोड़ देंगी। उनका कहना है कि उन्हें उनकी इस्लामिक पोशाक में ही परीक्षा देने की अनुमति दी जाए।
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षकों और स्कूल प्रशासन ने इस छात्राओं को एक अलग कमरे में परीक्षा देने के लिए मनाने की कोशिश की, ताकि वहाँ उन्हें हिजाब पहनने की आवश्यकता ना पड़े, लेकिन छात्राओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और परीक्षा छोड़ दिया। वहीं स्कूल की इन मुस्लिम लड़कियों के परिजनों ने भी अपने बच्चों का समर्थन किया और यह कहते हुए उन्हें घर ले गए कि वे स्कूल नहीं आएँगी।
Karnataka: Several students skip Class 10 preparatory exams at Karnataka Public School in Shivamogga city
— ANI (@ANI) February 15, 2022
Hina Kausar, a student of the school, says, “I was asked to remove hijab before entering the school. I can’t do it, so I chose not to appear in the exam.” pic.twitter.com/T6oOPjpuYw
हिजाब के लिए परीक्षा का बहिष्कार करने वाली छात्रा आलिया महत का कहना है, “अदालत ने अभी तक आदेश नहीं दिया है। इसलिए, जो भी हो हम हिजाब नहीं उतारेंगे। हम परीक्षा न भी दें तो कोई बात नहीं। मेरे लिए परीक्षा नहीं, धर्म महत्वपूर्ण है। अगर हिजाब अनिवार्य नहीं किया गया तो हम स्कूल नहीं आएँगे। मेरे माता-पिता ने मुझसे कहा है कि अगर हिजाब उतारने के लिए कहा जाए तो मैं घर वापस आ जाऊँ।”
खबर फैलते ही DDPI रमेश आनन-फानन में स्कूल पहुँचकर छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानीं। रमेश ने कहा कि स्कूल विकास निगरानी समिति और माता-पिता समस्या समाधान खोजने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, “परीक्षा का बहिष्कार करने वाली छात्राओं की परीक्षा के लिए फिर से व्यवस्था की जाएगी।”
वहीं, इस्लामवादी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) ने इन विरोधों का समर्थन किया। उन्होंने स्कूल में यूनिफॉर्म के नियम होने के बावजूद स्कूलों में हिजाब/बुर्का की अनुमति देने की माँग की है। एक अन्य इस्लामिक संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी इसका समर्थन किया है।