कर्नाटक पुलिस ने चित्रदुर्ग मुरुगराजेंद्र बृहन मठ के महंत शिवमूर्ति शरण को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार (20 नवंबर, 2023) को यह गिरफ्तारी पॉक्सो एक्ट के तहत हुई है। लिंगायत धर्म के महंत के खिलाफ चित्रदुर्ग की अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी किया था। सोमवार को ही जारी हुए इस वारंट में पुलिस को आदेश दिया गया था कि वो मंगलवार (21 नवंबर, 2023) तक महंत को अदालत में पेश करें। महंत शिवमूर्ति शरण पर पहले से ही बच्चों के यौन शोषण के 2 केस दर्ज हैं जिसमें वो जमानत पर चल रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवमूर्ति शरण के खिलाफ चित्रदुर्ग में न्यायाधीश बी के कोमला ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। लगभग 24 घंटों की मिली मोहलत में पुलिस ने लिंगायत महंत को महज कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया। शिवमूर्ति की गिरफ्तारी दावनगेरे के विरक्ता मठ से हुई है। आरोपित महंत को 4 दिन पहले ही पॉक्सो के एक अन्य केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कड़े प्रावधानों के तहत जमानत दी थी। इन शर्तों में जाँच पूरी होने तक चित्रदुर्ग में न घुसने, सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ न करने के साथ 2 लाख के मुचलके का भी आदेश दिया था।
जिन महंत शिवमूर्ति शरण को आज कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के 2 मामले दर्ज हैं। इन दोनों केसों की जाँच के दौरान पुलिस ने 1 नवंबर, 2022 को शिवमूर्ति शरण को गिरफ्तार कर लिया था। लगभग 1 साल बाद कर्नाटक हाईकोर्ट से पहले केस में जमानत मिलने के बाद महंत 16 नवंबर, 2023 को जेल से रिहा हुए थे। रिहाई के महज 4 दिनों के बाद पॉक्सो के दूसरे मामले में जमानत न होने की वजह से शिवमूर्ति शरण को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
#WATCH | Karnataka | Shivamurthy Murugha Sharanaru, the pontiff of Murugharajendra Bruhanmutt, Chitradurga was re-arrested by Police today, four days after being released from jail after bail in a POCSO case.
— ANI (@ANI) November 20, 2023
SP Chitradurga says, "On November 16, the High Court granted… pic.twitter.com/JFrHYAQgYx
पहले भी दर्ज है बच्चों के यौन शोषण की शिकायतें
पहला केस ओदानदी सेवा संस्थान नाम के NGO ने मैसूर के नजरबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाया था। इस FIR में शिवमूर्ति पर आरोप लगा था कि उन्होंने हॉस्टल में रहने वाले दलित समुदाय के नाबालिग छात्रों का यौन शोषण किया था। तब पुलिस ने पॉक्सो और SC/ST एक्ट में FIR दर्ज की थी। बाद में यह केस जाँच और कार्रवाई के लिए चित्रदुर्ग ग्रामीण पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया था।
महंत शिवमूर्ति शरण के लिए दूसरा केस 2 नाबालिग लड़कियों की माँ ने दर्ज करवाया था। उनका आरोप था कि साल 2019 से 2022 तक जब उनकी बेटियाँ हॉस्टल में थीं तब शिवमूर्ति शरण ने उनका यौन शोषण किया था। यह केस भी पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुआ था। इस केस में शिवमूर्ति के साथ कनिष्ठ द्रष्टा बसवदित्य और परमशिवैया, गंगाधर, महालिंगा और करिबासप्पा भी आरोपित किए गए थे। जाँच में कोई सबूत न मिलने की बात कह कर पुलिस ने बाद में परमशिवैया का नाम केस से निकाल दिया था।
राहुल गाँधी को दी थी दीक्षा
पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तारी शिवमूर्ति शरण कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को कर्नाटक चुनाव के समय दीक्षा भी दे चुके हैं। अपनी मुरुघा मठ की यात्रा के दौरान राहुल गाँधी ने मठ प्रबंधन से निवेदन किया था कि वो वहाँ से किसी को भेज कर उन्हें शिवयोगा की शिक्षा दिलाएँ। तब शिवमूर्ति शरण ने राहुल गाँधी का पारम्परिक तौर पर स्वागत भी किया था।