कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद के बीच आज जहाँ हिजाब पहनकर आई छात्राओं को अलग कमरे में बैठाया गया वहीं विरोध में भगवा स्टोल पहनकर भी छात्रों के पहुँचने से मामला एक बार फिर तूल पकड़ता नजर आया। कर्नाटक के विजयपुरा के शांतेश्वर एजुकेशन ट्रस्ट में हिजाब के विरोध में कुछ छात्रों के भगवा स्टोल पहनकर स्कूल आने के बाद आज कक्षाएँ स्थगित कर दी गईं। बता दें कि कुछ दिन पहले भी एक कालेज में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में लगभग 100 हिंदू लड़के कक्षा में भगवा शाल ओढ़कर पहुँचे थे।
Karnataka: Classes suspended at Shanteshwar Education Trust in Vijayapura for today, after some students arrived on the campus, wearing saffron stoles. pic.twitter.com/bZ75FD9snm
— ANI (@ANI) February 7, 2022
क्या है पूरा मामला
यह पूरा विवाद कर्नाटक में उडुपी जिले के कुंडापुर में स्कूल और कालेजों में हिजाब पहनने पर रोक से पैदा हुआ था। इसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हिजाब को मूल अधिकार बताते हुए हिजाब के साथ प्रवेश के लिए प्रशासन का विरोध करने लगीं। 3 फरवरी की सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी 20 से अधिक छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। छात्राओं की तरफ से हाईकोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका भी दायर की गई है जिसपर कल सुनवाई होनी है। तब से ही हिजाब के विरोध में छात्र भगवा स्टाल में आने लगे जिससे लगातार विवाद गहराता गया। वहीं पिछले दिनों में हिन्दू लड़कियाँ ने भी हिजाब के विरोध में भगवा स्टाल लेकर स्कूल आई थीं।
वहीं आज कर्नाटक के उडुपी में स्थित पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर क्लास में बैठने की जिद्द करने वाली मुस्लिम लड़कियों के लिए कॉलेज ने एक निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, हिजाब पहनने वाली ल़ड़कियों को कॉलेज प्रशासन की ओर से एक अलग कमरा दिया गया है जहाँ वह बैठ सकेंगी। लेकिन क्लास में एंट्री उन्हें तभी मिलेगी जब वह अपने हिजाब को उतारकर, तय यूनिफॉर्म में क्लास अटेंड करेंगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीयू कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी के प्रवक्ता मोहनदास शिनॉय ने मीडियाकर्मियों को बताया कि 135 साल पुराना ये कॉलेज अब एक बेवजह के विवाद के कारण और बदनाम नहीं हो सकता। जो मुस्लिम लड़कियाँ हिजाब पहनकर क्लास में बैठने के लिए बाहर प्रदर्शन कर रही हैं उन्हें एक अलग कमरा दिया जाएगा। मगर क्लासरूम में एंट्री उन्हें तभी मिलेगी जब वो अपने हेडस्कॉर्फ उतारकर घुसेंगी।
हथियार लेकर पकड़े गए दो संदिग्ध
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी में स्थित कॉलेज में शुरू हुए हिजाब विवाद के बाद से पीयू कॉलेज के पास से ही पुलिस ने दो संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान रज्जाब और हाजी अब्दुल मजीद बताई गई थी। पुलिस ने इन दोनों के पास से घातक हथियार बरामद किए थे। वहीं तीन अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
गौरतलब है कि उडुपी जिले के सरकारी कालेज में छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न करने देने से इस विवाद की शुरुआत हुई थी। इसके बाद छात्राओं ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हाईकोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका भी दायर कर दी है जिसपर कल सुनवाई होनी है। देखते ही देखते कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद पूरे कर्नाटक में फैल गया है।
भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।