कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में बुर्का पहनने को लेकर चल रहे विवाद पर आज (10 फरवरी 2022) को हाई कोर्ट की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी। बुधवार को अदालत की एकल पीठ ने मामले को बड़ी बेंच को हस्तांतरित कर दिया था। इस बीच अब्दुल गफ्फार खान की पोती यास्मीन निगार ने कहा है कि स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड का पालन होना चाहिए। वे ऑल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष भी हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुर्के पर चल रहे हालिया विवाद को आपराधिक साजिश करार दिया है।
नकवी ने इस मामले में राजनीति करने वालों को पाकिस्तान से जुगलबंदी करने वाला बताया है। साथ ही उन्होंने इस मामले को तूल देने वालों को भारत को बदनाम करने की मंशा रखने वाली सोच करार दिया है। नकवी ने कहा, “हिजाब पर चल रहा हंगामा एक आपराधिक षड्यंत्र हैं। यह ड्रेसकोड पर एक भ्रामक प्रचार है। हर संस्थान को अपना ड्रेसकोड लागू करने का अधिकार है। यह अनुशासन और शिष्टाचार का प्रतीक है। भारत को कोसने वाले ऐसे समूहों के साथ पाकिस्तान जुगलबंदी करने को हमेशा तैयार रहता है।”
Ruckus over hijab is a criminal conspiracy to misinform on uniform. Every institution has its own dress code, discipline & decorum. People who are part of ‘India bashing brigade’, defame India & Pakistan stands ready for ‘Jugalbandi’ with them: Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi pic.twitter.com/e6Ha0KUbSt
— ANI (@ANI) February 9, 2022
वहीं यास्मीन खान ने यूनिफॉर्म कोड का समर्थन करते हुए कहा है कि यदि आप स्कूल में खुद को बुर्का या हिजाब के कवर करते हैं तो यह पहचान का मुद्दा होगा। मुझे लगता है कि पूरे चेहरे को ढकने के बजाय एक स्कार्फ पहना जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब लोग हज के लिए मक्का जाते हैं तो कुछ लोग बुर्का पहनते हैं, कुछ नहीं पहनते। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। स्कूलों में सभी को बराबर होना चाहिए और धर्म का पालन सिर्फ एक हद तक ही करना चाहिए।
I think a uniform code should be followed in schools. If you cover yourself with a burqa or hijab inside school premises, then there will be an issue of identification: Yasmin Nigar Khan, granddaughter of Khan Abdul Ghaffar Khan & All India Pakhtoon Jirga-e-Hind president pic.twitter.com/gEl1oXDBIz
— ANI (@ANI) February 9, 2022
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर शिक्षण संस्थानों में हिजाब/बुर्के में एंट्री की अनुमति माँगी गई है। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने कहा कि इस मामले में केवल ‘पर्सनल लॉ’ ही नहीं, बल्कि संवैधानिक पहलुओं पर भी विचार करना ज़रूरी है। लिहाजा मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा गया है। इस मामले में कई वकील अपना पक्ष रखना चाह रहे थे, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि ये PIL नहीं है।
मीडिया भले ही इसे हिजाब का मामला बता रहा हो, लेकिन विरोध-प्रदर्शनों और पहनावे को देख कर स्पष्ट है कि मामला बुर्के को लेकर है। इस बीच बेंगलुरु प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों के 200 मीटर के घेरे में विरोध-प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है। अगले दो सप्ताह तक ये रोक जारी रहेगी। इस घेरे में धारा-144 लगी रहेगी। सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए ये निर्णय जारी रहेगा।