कॉन्ग्रेस शासित कर्नाटक में एक हिंदू तीर्थ स्थल को इस्लामी निशानों से रंगने का मामला सामने आया है। मामला कोलार का है। यहाँ ‘दक्षिण की काशी’ कहे जाने वाले श्री काशी विश्वेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध अंतरा गंगे की पहाड़ियों को एक अनवर उर्फ प्यारेजान ने हरे रंग और चाँद-तारे वाले इस्लामी निशानों से पोत डाला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वन विभाग की शिकायत के आधार पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है।
क्या है मामला ?
कर्नाटक की कोलार पुलिस ने पर्यटन और तीर्थस्थल अंतरा गंगे पहाड़ियों के पत्थरों पर इस्लामी प्रतीकों का चित्र बनाने के आरोप में अनवर उर्फ प्यारेजान को गिरफ्तार किया है। वह पपराजनहल्ली के रहने वाला है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है और आरोपित से इस काम के पीछे की मंशा के बारे में पूछताछ कर रही है।
अनवर ने राज्य वन विभाग के स्वामित्व वाली जमीन को भी हरे रंग से रंग दिया था। इसे लेकर वन विभाग ने कोलार ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसमें कहा गया है कि पत्थरों के बीच एक कमरा बनाया गया था। इसे हरे रंग से रंगा गया था। इसके साथ ही पहाड़ियों पर भी हरे रंग पर सफेद रंग से इस्लामी चाँद- सितारे का इस्लामी निशान और 786 बनाया गया था। हालाँकि ऐसा करने के पीछे उसके मकसद नहीं पता चल पाया है।
ಅಂತರಗಂಗೆ ಬೆಟ್ಟದಲ್ಲಿ ಪಾಕ್ ಬಾವುಟ ಹೋಲುವ ಪೇಂಟಿಂಗ್ – ಆರೋಪಿ ಅರೆಸ್ಟ್ https://t.co/QZDUNuCjcZ#Kolar #Police #AntaraGange
— PublicTV (@publictvnews) September 20, 2023
काशी विश्वेश्वर मंदिर के लिए है मशहूर
अंतरा गंगे पहाड़ियाँ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से लगभग 70 किमी दूर यह पर्यटक और तीर्थ स्थल स्थित है। कोलार से तीन किलोमीटर दूर है। यह जगह श्री काशी विश्वेश्वर मंदिर के लिए मशहूर है। इसे दक्षिण की काशी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अंतरा गंगे पहाड़ियों की गुफा में स्थित मंदिर हजारों साल पुराना है।
यह गुफा कई अन्य गुफाओं से जुड़ा हुआ है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर पत्थर पर नक्काशी कर एक साँप उकेरा गया है। बसवा (पवित्र गाय) की मूर्ति के मुख से पूरे साल पानी निकलता रहता है। इससे यहाँ का पवित्र कल्याणी (जलस्रोत) भरता रहता है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले तीर्थयात्री स्नान करते हैं।
हिंदुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। अंतरा गंगे पड़ोसी क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। बेंगलुरु से नजदीक होने की वजह से यह यात्रियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी यह एक पसंदीदा जगह है।