Friday, April 19, 2024
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कर्नाटक: प्रेम विवाह के बाद लिंगायत बनी मुस्लिम युवती, शिवाबसवा स्वामीजी से ली दीक्षा

इससे पहले 20 फरवरी को एक लिंगायत मठ ने मुस्लिम युवक के लिए अपनी सभी परंपराओं को तोड़ने का फैसला किया था। इसके तहत मठ ने 33 साल के दीवान शरीफ रहमानसाब मुल्ला को मुख्य पुरोहित बनाने का फैसला किया था।

कर्नाटक के हुक्केरी में एक मुस्लिम युवती लिंगायत बन गई है। उसने विरक्ता मठ के शिवाबसवा स्वामीजी की मौजूदगी में सभी रीति-रिवाजों के साथ दीक्षा ली।

एक लिंगायत युवक से प्रेम विवाह करने के बाद युवती ने आगे का जीवन इसी संप्रदाय के अनुसार जीने की इच्छा व्यक्त की थी।

जानकारी के मुताबिक मुस्लिम युवती का एक लिंगायत युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। कुछ सप्ताह पहले दोनों ने सहमति के साथ शादी कर ली। शादी का बेलगाम जिले में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। दोनों के परिजनों ने भी इस शादी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। शादी के बाद युवती ने लिंगायत संप्रदाय में शामिल होने की इच्छा जताई।

गुरुवार (7 मई, 2020) को युवक अपनी पत्नी को लेकर विरक्ता मठ के स्वामीजी शिवाबसवा के पास पहुँच गया और अपनी पत्नी की इच्छा से अगवत कराया। स्वामीजी ने युवती को कुछ औपचारिकताओं के साथ दीक्षा दी।

स्वामीजी ने युवती को दीक्षा देने के बाद इष्टलिंग, एक चौका और एक केसरिया शॉल भेंट की गई। इस दौरान युवती सहित दो अन्य लोग मौजूद रहे।

द हिंदू की खबर के मुताबिक विरक्ता मठ के शिवाबसवा स्वामीजी ने बताया कि 24 वर्षीय युवक मेरे पास आया, जो लिंगायत परिवार से था। एक मुस्लिम लड़की से प्यार होने के बाद उसने लड़की से शादी कर ली।

आपको बता दें कि लिंगायत समाज को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है। कर्नाटक की आबादी का 18 फीसदी हिस्सा लिंगायत हैं। पास के राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी लिंगायतों की अच्छी-खासी आबादी है। लिंगायत और वीरशैव कर्नाटक के दो बड़े समुदाय हैं।

इससे पहले (20 फरवरी, 2020) को एक लिंगायत मठ ने मुस्लिम युवक के लिए अपनी सभी परंपराओं को तोड़ने का फैसला किया था। इसके तहत मठ ने 33 साल के दीवान शरीफ रहमानसाब मुल्ला को मुख्य पुरोहित बनाने का फैसला किया था। शरीफ ने बीते साल नवंबर में दीक्षा ली थी। यह मठ कर्नाटक के गडग ​जिले में स्थित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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