Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजमुस्लिमों के बीच रहने को कश्मीर लौटा एक हिंदू परिवार, चुनावी नतीजों के बाद...

मुस्लिमों के बीच रहने को कश्मीर लौटा एक हिंदू परिवार, चुनावी नतीजों के बाद वही हुआ जो आप सोच रहे हैं: देखिए Video, पुलिस बोली – सरकारी जमीन को लेकर हुआ झगड़ा

संजय को धमकियाँ दी गई और कहा गया कि वह यह इलाका छोड़ दें और अपना घर दोबारा ना बनाएँ। संजय के परिवार के साथ हुई इस मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग महिलाओं से झगड़ा करते हुए दिखाई देते हैं।

अपडेट: अनंतनाग प्रशासन ने कहा है कि ये मामला किसी एक द्वारा दूसरे को घर बनाने से रोकने का नहीं, बल्कि 2 पड़ोसियों के बीच स्थित छोटी सी सरकारी जमीन के इस्तेमाल को लेकर है। जिला प्रशासन के अनुसार, इस जमीन का इस्तेमाल प्राइवेट पार्किंग के लिए दोनों पक्ष कर रहे थे, एक पक्ष ने जब बाउंड्री पर दीवार बनानी चाहिए तो विवाद उत्पन्न हुआ। जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुँच कर दोनों पक्षों का समझौता करा दिया है।

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में एक बार फिर एक कश्मीरी पंडित परिवार का उत्पीड़न किया गया। घाटी में शांति लौटने के बाद फिर से बसने की कोशिश कर रहे एक कश्मीरी पंडित परिवार पर हमला किया गया। उसे घर बनाने से रोका गया और सारा सामान तहस नहस कर दिया गया। कश्मीरी पंडित के मुस्लिम पड़ोसियों ने घाटी छोड़ने को लेकर उसे धमकाया।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अनंतनाग के वेरीनाग इलाके में संजय वली नाम के एक कश्मीरी पंडित ने 1990 के नरसंहार के बाद दोबारा से हिम्मत करके यहाँ अपना घर बनाना चालू किया था। वह पुरानी हिंसा भूल कर अपने इलाके में लौटे थे। यह घर उन्होंने अपनी जमीन बनाना चालू किया था। जहाँ वह घर बना रहे हैं वहाँ अन्य सभी मुस्लिम परिवार रहते हैं।

संजय वली ने बताया कि वह अपने घर का निर्माण करवा रहे हैं लेकिन इसमें आसपास के मुस्लिम अड़ंगा डाल रहे हैं। उनको मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। संजय वली के परिवार को लगातार गालियाँ दी जाती हैं और और उनके घर बनाने के निर्णय को लेकर नाराजगी जताई जाती है।

चुनाव परिणाम के बाद हमला

कश्मीरी पंडित संजय वली ने बताया है कि 4 जून, 2024 को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद उनके परिवार पर हमला कर दिया गया। कुछ लोगों ने आकर उनके परिवार से अभद्रता की और उन पर हमला कर दिया। उनका घर बनाने का सारा सामान बाहर फेंक दिया गया। उनका घर बनाने का सारा सामान दूसरे लोग उठा ले गए। उनके परिवार की पिटाई की गई।

संजय को धमकियाँ दी गई और कहा गया कि वह यह इलाका छोड़ दें और अपना घर दोबारा ना बनाएँ। संजय के परिवार के साथ हुई इस मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग महिलाओं से झगड़ा करते हुए दिखाई देते हैं। संजय वली अब इस घटना के बाद से डरे हुए हैं। उनका डर है कि 1990 वाली त्रासदी कहीं उनके साथ दोबारा ना घटित हो जाए। चुनाव परिणाम के 24 घंटों के भीतर इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई गई है।

सोशल मीडिया में बताया जा रहा जमीन विवाद

संजय वली का सोशल मीडिया में कई जगह नाम सुनील वली बताया जा रहा है। एक्स (पहले ट्विटर) पर कुछ लोगों ने इस मामले के निपटने का दावा किया है। कश्मीर में काम करने वाली से शारदा कमेटी नाम की एक संस्था के रविंदर पंडिता ने इस मामले का अपडेट दिया है। उन्होंने बताया, “वेरीनाग कमेटी ने इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया और जिला प्रशासन से वेरीनाग में पंडित परिवार के साथ हुए विवाद के बारे में बात की। प्रशासन ने हमें आश्वस्त किया है कि चिंता की कोई बात नहीं है और हमलावरों पर कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।”

रविंदर पंडिता ने आगे बताया है कि इस मामले को संजय/सुनील वली के परिवार ने हमलावरों के साथ सुलझा लिया है और आगे विवाद ना होने को लेकर भी दोनों में सहमति बनी है। जिस अनंतनाग क्षेत्र में संजय वली के परिवार पर हमला हुआ है, वहाँ 4 जून को मियाँ अल्ताफ अहमद जीते हैं। वह नेशनल कॉन्फ्रेंस से उम्मीदवार थे, उन्होंने PDP मुखिया महबूबा मुफ़्ती को हराया है। मामले में अभी प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में 1990 में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया गया था। उन्हें घाटी से भगा दिया गया था और उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया था। बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित मार दिए गए थे। इस्लामी आतंकियों ने कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ बलात्कार भी किया था। तब से कश्मीरी पंडित देश के अलग अलग हिस्सों में रहने को मजबूर हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -