केरल के मुन्नार में पिछले महीने एक वार्षिक कार्यक्रम का हिस्सा बने चर्च ऑफ साउथ इंडिया (CSI) के 100 से ज्यादा पादरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है और 5 गंभीर अवस्था में हैं। संक्रमितों में CSI मॉडरेटर और साउथ केरल सूबे के बिशप रेव ए धर्माराज रसालम भी शामिल हैं। वे फिलहाल होम क्वारंटाइन में हैं। मीडिया रिपोर्ट के दौरान पिछले माह हुए रीट्रीट कार्यक्रम में कोविड नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गई थी।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पादरियों और समुदाय सदस्यों की कॉन्फ्रेंस पिछले माह 13 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच सीएसआई क्राइस्ट चर्च में हुई थी। 350 पादरी अलग-अलग जगह से इस मीट को अटेंड करने आए थे। खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कार्यक्रम को टालने के अनुरोध के बावजूद बैठक हुई। साथ ही कहा गया था कि अगर कोई पादरी इसमें शामिल नहीं हुआ तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
According to sources, the retreat was held in Munnar despite requests to postpone the event, and the priests were warned of disciplinary action if they failed to attend. More than 100 CSI priests tested positive after the retreat.#COVID19@chand_TNIE https://t.co/O01fAg5URJ
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) May 5, 2021
इस मीट के लिए पादरियों को तिरुवनंतपुरम के एलएमएस चर्च से मुन्नार के लिए बस में ट्रैवल करना पड़ा। इसके बाद काज़ुकोड, वत्सपारा के CSI चर्च के 52 वर्षीय पादरी रेव बिजूमॉन बीमार हुए और पिछले गुरुवार उनकी मृत्यु हो गई। इसी तरह थिरुमाला के पास सीएसआई चर्च, पुन्नककुगल के 43 वर्षीय पादरी रेव शिने बी राज ने भी कोविड संक्रमण के कारण इस मंगलवार दम तोड़ दिया। कई अन्य पादरी भी डॉ. सोमरवेल सीएसआई मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं, वहीं कुछ होम क्वारंटाइन में हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, CSI ट्रस्ट एसोसिएशन के सचिव और ज्वाइंट क्रिश्चियन काउंसिल के सदस्य जैकब मैथ्यू ने कहा कि सरकार और काउंसिल के निर्देशों को मीटिंग के दौरान पूरी तरह नकारा गया। वहीं केंद्रीय केरल चर्चों और कोच्चि चर्चों की मीट को कोविड के बढ़ते मामलों के कारण आगे बढ़ा दिया गया था। लेकिन साउथ केरल के सीएमआई ने बिना राज्य सरकार को जानकारी दिए ये मीट आयोजित की।
हालाँकि, सीएसआई अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर रहा है। सीएसआई के साउथ केरल सूबे के सचिव टीटी प्रवीण ने दावा किया कि संक्रमण कार्यक्रम के कारण नहीं फैला। इल्जाम लगाकर सिर्फ एक नेगेटिव अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि रीट्रीट को कोविड नियमों के मद्देनजर और राज्य सरकार की अनुमति के साथ आयोजित किया गया। सचिव ने माना कि कुछ पादरी कोविड पॉजिटिव हो गए हैं, लेकिन उनके अनुसार ये सब रीट्रीट के चलते नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जिन दो पादरियों की मृत्यु हुई है उसका कारण उनकी बीमारी थी।
बता दें कि एक पादरी के रीट्रीट में शामिल होने के बाद वह कोविड पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि कम से कम 30 पादरी अस्पताल में भर्ती हैं। कोई एक्शन अभी तक ऑर्गेनाइजर के विरुद्ध नहीं लिया गया, जबकि ये रीट्रीट पिछले माह ही आयोजित हुआ था।
मालूम हो कि इस समय केरल कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की सूची में दूसरे नंबर पर है। यहाँ 17 लाख से ज्यादा लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 3.57 लाख एक्टिव केस हैं।