केरल में DYFI (डेमोक्रेटिक यूथ डेडेरशन ऑफ इंडिया) कार्यकर्ता पर एक दलित बच्ची के यौन शोषण का आरोप लगा है। बच्ची की उम्र मात्र 9 वर्ष है। DYFI केरल की सत्ताधारी वामपंथी पार्टी CPI(M) का यूथ विंग है। अगस्त में केरल के सबसे बड़े त्यौहार ओणम से 4 दिन पहले बच्ची काफी रो रही थी। साथ ही वो अपने पिता के फोन से आउनलाईं क्लासेज भी नहीं कर पा रही थी, जिसके लिए उसकी माँ ने उसे फटकार भी लगाई थी।
बच्ची के पिता वेल्डर का काम करते हैं। इसके बाद बच्ची ने अपनी माँ से कहा कि वो उनसे बात करना चाहती हैं, लेकिन अपने पिता की उपस्थिति में। इसके बाद बच्ची ने बताया कि पड़ोस के ही एक युवक सयूज ने उसका यौन शोषण किया है। ये घटना कुछ महीनों पहले हुई थी। आरोपित सयूज पीड़िता के पिता का दोस्त था और दोनों कभी-कभी साथ काम भी करते थे। सयूज DYFI का कार्यकर्ता है। DYFI के अध्यक्ष मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के दामाद पीए मोहम्मद रियास हैं।
पीड़ित के पिता ने अपने ही परिसर में स्थित एक घर को आरोपित को किराए पर भी दे दिया था। दोनों घरों के बीच कोई दीवार नहीं थी। लेकिन, वो रेंट भी नहीं लेता था। पेंटर सयूज अपने तीन बच्चों के साथ अप्रैल 2020 में उस घर में रहने आया था। ‘द न्यूज मिनट’ को पीड़िता के पिता ने बताया कि बच्ची को सयूज ने अपने घर बिरयानी खाने के लिए जून 2020 में बुलाया था, लेकिन वो बिना खाए प्लेट फेंक कर भाग आई।
तब सयूज की माँ ने बच्ची की माँ से कहा कि उसने कुछ नहीं खाया। उस समय मत-पिता को लगा कि शायद बच्ची को बिरयानी का टेस्ट पसंद नहीं आया। लेकिन, बच्ची जब भी आरोपित को देखती, वो अजीब व्यवहार करने लगती थी। उसे असुविधा होने लगती थी। पढ़ाई में उसकी रुचि खत्म हो गई थी और वो अचानक रोने लगती थी। साथ ही उसने सयूज को घर से निकालने के लिए भी मत-पिता से कहा।
Kerala Dalit family alleges child sexual abuse by DYFI worker, faces ostracism in villagehttps://t.co/DeWwuMsJAX
— The News Minute (@thenewsminute) September 25, 2021
इसके बाद बच्ची ने बताया कि जब वो सयूज के घर बिरयानी खाने गई थी, तब उसने उसके साथ यौन शोषण किया। कुछ सप्ताह बाद फिर ऐसा हुआ, लेकिन वो किसी तरह उसके चंगुल से निकलने में कामयाब रही। उस पंचायत में CPI(M) का शासन है जबकि वार्ड सदस्य कॉन्ग्रेस का है। बच्ची के पिता का कहना है कि गाँव में परिवार के खिलाफ माहौल बनाया गया। एक CPI(M) नेता ने उलटा बच्ची के पिता के विरुद्ध ही 400 हस्ताक्षर करा कर पुलिस को दिया और आरोप लगाया कि ये शिकायत गलत है।
लोगों ने पीड़ित परिवार का गाँव से बहिष्कार कर दिया और उनसे बातचीत बंद कर दी। उसे कहा जाने लगा कि वो अपनी बच्ची का इस्तेमाल रुपयों के लिए कर रहा है। उनके घर कोई नहीं आता था। उनका बाहर निकलना तक दूभर हो गया। स्थानीय बसपा यूनिट ने परिवार का समर्थन किया है। हालाँकि, सीपीआईएम नेताओ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं जुटाए।