केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप में सुधारों के विरुद्ध दायर कॉन्ग्रेस नेता केपी नौशाद अली की याचिका खारिज कर दी है। वहीं, लक्षद्वीप की फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना को ‘बॉयो वेपन’ वाली टिप्पणी से जुड़े मामले में गिरफ्तारी से एक सप्ताह की राहत दे दी है। दोनों फैसले गुरुवार (जून 17, 2021) को आए।
कॉन्ग्रेस नेता की याचिका खारिज करते हुए कहा हाईकोर्ट ने कहा कि सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदम अभी मसौदा के चरण में हैं। इससे पहले इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा था। जस्टिस एसवी भाटी और जस्टिस मुरली पुरुषोत्तम की बेंच ने कॉन्ग्रेस नेता नौशाद अली की याचिका पर सुनवाई की। बता दें कि इस याचिका में लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 और द्वीपों में असामाजिक गतिविधि अधिनियम (PASA) पर रोक की माँग की गई थी।
याचिका में कॉन्ग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि PASA प्रशासन को एक साल तक की अवधि के लिए बिना किसी सार्वजनिक खुलासे के किसी को भी हिरासत में रखने का अधिकार देता है।
कॉन्ग्रेस नेता की जनहित याचिका के अलावा लक्षद्वीप में सुधारों का विरोध करने वाली फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना के मामले में भी केरल हाईकोर्ट ने सुनवाई की। उन्होंने एक टीवी शो में कोरोना को केंद्र का बॉयो वेपन बताया था। इसके बाद उनके विरुद्ध राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उनकी याचिका का विरोध करते हुए प्रशासन ने कहा आयशा सुल्ताना की जमानत याचिका विचार करने योग्य नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सुल्ताना की अग्रिम जमानत की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस अशोक मेनन की एकल पीठ ने उन्हें एक हफ्ते तक राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देते हुए निर्देश दिया कि उनको कवरत्ती पुलिस थाने में 20 जून को पूछताछ के हाजिर होना होगा। सुल्ताना ने अपनी याचिका में कहा था कि अगर वह वहाँ गई तो उनके गिरफ्तार होने की आशंका है।