Saturday, July 27, 2024
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अभिनेत्री आयशा सुल्ताना ने कोविड-19 को बताया लक्षद्वीप में केंद्र सरकार का ‘जैविक हथियार’, सुधारों से हैं नाराज

"केंद्र द्वारा ध्यान देने से पहले, लक्षद्वीप में COVID-19 के 0 मामले थे। अब हर दिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। केंद्र ने जो (कोरोना) यहाँ तैनात किया है वह बायोवेपन है। मैं साफ साफ कहती हूँ कि केंद्र सरकार ने लोगों के ख़िलाफ़ बायो वेपन तैनात किया है।"

लक्षद्वीप में विकास नीतियों का विरोध करने वाले लोग अब केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए घटिया स्तर पर उतर आए हैं। हाल में लक्षद्वीप की एक्टर व मॉडल आयशा सुल्ताना ने एक मलयालम न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। मीडिया वन टीवी पर सुल्ताना ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना को स्थानीयों के खिलाफ़ एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है।

डिबेट में सुल्ताना ने कहा, “केंद्र द्वारा ध्यान देने से पहले, लक्षद्वीप में COVID-19 के 0 मामले थे। अब हर दिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। केंद्र ने जो (कोरोना) यहाँ तैनात किया है वह बायोवेपन है। मैं साफ साफ कहती हूँ कि केंद्र सरकार ने लोगों के ख़िलाफ़ बायो वेपन तैनात किया है।”

द्वीप में विकास को अवरुद्ध करने के प्रयासों में सुल्ताना ने इस डिबेट में स्वास्थ्य सुविधाओं की चरमराई हालत को छिपाया जिनके कारण वहाँ कोविड केसों में बढ़ौतरी हो रही है और पूरे मामले का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने का प्रयास किया। 

बता दें कि एक्ट्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए गए ये इल्जाम प्रशासक प्रफुल्ल के पटेल द्वारा घोषित किए गए सुधार वाले फैसले के मद्देनजर आया। पटेल ने मालदीव के समान एक पर्यटन स्थल के रूप में द्वीपों को बढ़ावा देने के साथ-साथ निवासियों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई प्रस्तावों का ऐलान किया था।

प्रशासक पटेल द्वारा किए गए सुधारों की घोषणा

लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन (एलडीएआर) 2021 के ड्राफ्ट में गोहत्या और गोमाँस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून प्रस्तावित किया गया है, ये कानून अन्य राज्यों में प्रचलित कानून के अनुरूप है।

इसके अलावा ड्राफ्ट में परिवार नियोजन के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए दो बच्चों की नीति भी शामिल है। लोगों को 2 से अधिक बच्चे पैदा करने से रोकने के लिए, कानून ने ऐसे लोगों को ग्राम पंचायत का सदस्य बनने से रोकने का प्रस्ताव रखा है। मसौदे में मादक पेय पदार्थों की बिक्री को भी द्वीपों पर रिजॉर्ट में अधिकृत करने की बात है ताकि पर्यटन स्थल के तौर पर ये द्वीप पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित करे।

ये ड्राफ्ट रेगुलेशन, भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अंतर्गत प्रशासक को विकास के उद्देश्य से द्वीपों पर “किसी भी क्षेत्र को एक प्लॉनिंग एरिया घोषित करने” का अधिकार देता है, और प्रशासक को अधिकार के तहत सार्वजनिक उद्देश्य के लिए आवश्यक किसी भी भूमि का अधिग्रहण करने की भी अनुमति देता है। 

गौरतलब है कि लक्षद्वीप में ये घोषणाएँ द्वीप के विकास के लिए की गई हैं ताकि यह द्वीप भी अन्य राज्यों की तरह राजस्व पैदा करे और यहाँ टूरिज्म को बढ़ावा मिले। हालाँकि, जब से ये योजनाएँ प्रस्तावित की गई हैं तभी से कुछ राजनेता व कट्टरपंथी इनके विरोध में लगे हुए हैं। वह डर फैलाकर विकास कार्यों को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन सभी सुधार कार्यों से केंद्र सरकार द्वीप का भगवाकरण करना चाहती है। और, शायद सुल्ताना भी उन्हीं लोगों में से हैं जो द्वीप को विकास की ओर बढ़ता न देखकर कट्टरपंथ की ओर दिशा में ले जाना चाहती हैं जैसे कभी जम्मू कश्मीर में हुआ था। सुल्ताना का एक डिबेट में उक्त बयान इसी बात का सबूत है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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