Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाज'लोगों का जीवन खतरे में डालने वालों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा': केरल हाईकोर्ट ने...

‘लोगों का जीवन खतरे में डालने वालों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा’: केरल हाईकोर्ट ने PFI पर ठोका ₹5.20 करोड़ का जुर्माना, 2 हफ्ते में करना होगा इंतज़ाम

PFI के ठिकानों पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा 22 सितम्बर 2022 को हुई राष्ट्रव्यापी छापेमारी के बाद अगले दिन 23 सितंबर को PFI ने केरल में हड़ताल बुलाई थी। इस हड़ताल में बड़े पैमाने पर हिंसक हरकतें हुई थीं। आरोप है कि PFI के कार्यकर्ताओं ने सरकारी बसों को भी नुकसान पहुँचाया था।

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (29 सितंबर 2022) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) को विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने PFI को 2 सप्ताह में 5 करोड़ 20 लाख रुपए रुपए जुर्माने के तौर पर भरने के लिए कहा है। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आम लोगों का जीवन खतरे में नहीं डाला जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विरोध प्रदर्शन की इजाजत संविधान देता है, लेकिन अचानक हड़ताल करना सही नहीं है। आदेश में इसके आगे कहा गया कि हड़ताल में की गई तोड़फोड़ निंदनीय है। यह सुनवाई न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास सीपी की पीठ ने की। बेंच ने कहा कि लोगों का जीवन खतरे में डालने वालों को खामियाजा भुगतना पड़ता है।

उच्च न्यायालय ने जिला स्तर के अदालतों को भी ये आदेश दिया कि तोड़फोड़ में शामिल PFI कार्यकर्ता जहाँ भी जमानत की अर्जी दाखिल करें वहाँ उनकी जमानत की शर्तों में नुकसान की उन्हीं से भरपाई शामिल हो। कोर्ट ने PFI के प्रदर्शन में हुई हिंसा का स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में आदेश जारी किया। हालाँकि, केरल राज्य सड़क परिवहन निगम ने भी उच्च न्यायालय से अपने हुए नुकसान की भरपाई PFI से करवाने की माँग की है।

साल 2019 में केरल हाईकोर्ट ने हड़ताल के मानक तय करते हुए उसकी सूचना 7 दिन पहले प्रशासन को देने का निर्देश दिया था। तब कोर्ट ने इस नियम का उल्लंघन करके हुई हड़ताल को असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने PFI से सवाल किया कि हड़ताल से आम आदमी का क्या वास्ता, जो इस हरकत से डर में जी रहा है? हाईकोर्ट ने पूछा कि ऐसी हरकतों से आम आदमी परेशानी क्यों झेले?

गौरतलब है कि PFI के ठिकानों पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा 22 सितम्बर 2022 को हुई राष्ट्रव्यापी छापेमारी के बाद अगले दिन 23 सितंबर को PFI ने केरल में हड़ताल बुलाई थी। इस हड़ताल में बड़े पैमाने पर हिंसक हरकतें हुई थीं। आरोप है कि PFI के कार्यकर्ताओं ने सरकारी बसों को भी नुकसान पहुँचाया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।

भारत में न्यूक्लियर टेस्ट हो या UN में दिया हिंदी वाला भाषण… जानें अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन कैसे दूसरे नेताओं के लिए भी...

अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक सशक्त राजनेता थे, बल्कि वे एक संवेदनशील कवि, एक दूरदर्शी विचारक और एक फक्कड़ व्यक्तित्व के धनी थे।
- विज्ञापन -