13 साल की बच्ची से रेप में केरल के कासरगोड की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 28 साल के इंजमाम उल हक उर्फ राजीव को कुल 61 साल जेल की सजा सुनाई है। उसने जिस बच्ची को हवस का शिकार बनाया था, उसके पिता ने उसे घर बनाने का ठेका दिया था। इतना ही नहीं बाद में जमीन खरीदने में भी उसकी मदद की थी।
इंजमाम उल हक मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। 2017 की इस रेप का खुलासा 2019 में हुआ था। दरअसल यौन शोषण की एक अन्य मामले में गिरफ्तार मलयाली के मोबाइल की पुलिस पड़ताल कर रही थी। इसी दौरान पीड़ित बच्ची की नंगी तस्वीरें मिली। इसके बाद बच्ची से जब चाइल्डलाइन के काउंसलर्स ने संपर्क किया तो इंजमाम उल हक की हैवानियत का खुलासा हुआ।
खुलासे के वक्त बच्ची 10वीं की छात्रा थी। इंजमाम ने जब उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था, तब वह आठवीं में पढ़ती थी। इंजमाम ने इस घटना का जिक्र करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। बच्ची के बयान के आधार पर उसके खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। 12 सितंबर 2023 को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे सजा सुनाई।
अलग-अलग मामलों में सुनाई गई सजा के एक साथ चलने के कारण इंजमाम को 25 साल जेल में बिताने में होंगे। उस पर 2 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की रकम न अदा करने पर उसे 11 महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे।
ऑनमनोरमा की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में केरल की पय्यन्नूर पुलिस ने एक मलयाली को एक अन्य नाबालिग लड़की के यौन शोषण केस में गिरफ्तार किया था। लेकिन उसका फोन चेक करते समय उसमें दूसरी नाबालिग लड़की की नग्न तस्वीरें मिली। जाँच में वह लड़की कासरगोड के चित्तारिक्कल थाना क्षेत्र में रहने वाली कक्षा 10 की छात्रा निकली। इसके बाद जब चाइल्ड हेल्पलाइन के काउंसलर्स ने उस लड़की से संपर्क किया तो 2017 का रेप केस सामने आया।
पीड़िता ने काउंसलर्स को बताया कि उसके पिता ने घर बनाने का ठेका इंजमाम उल हक को दिया था। घर बनने के दौरान लड़की अपने परिवार के साथ एक अन्य जगह पर रहती थी, जबकि मजदूर और इंजमाम निर्माणाधीन इमारत में रहते थे। थोड़े समय बाद लड़की का परिवार भी निर्माणाधीन इमारत में शिफ्ट हो गया। यहाँ इंजमाम ने पीड़िता को कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया और उसे जान से मारने की धमकी दी।
नाबालिग के बयान पर पुलिस ने इंजमाम उल हक पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। चित्तारिक्कल थाने के SHO इंस्पेक्टर रंजीत रवींद्रन ने केस की जाँच कर कोर्ट में चार्जशीट पेश की। पुलिस ने मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की माँग की जिसे स्वीकार कर लिया गया। कोर्ट ने IPC की धारा 376 (3) के तहत इंजमाम को 25 साल, पॉक्सो एक्ट के तहत 25 साल , IPC 354 के तहत 9 साल और IPC 506 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है।