गुजरात में एक साल पहले (25 जनवरी 2022) कट्टरपंथी मुस्लिमों ने किशन भरवाड (Kishan Bharwad) को केवल हिंदू होने के कारण मार डाला था। किशन अहमदाबाद के धंधुका के रहने वाले थे। उनकी हत्या बाइक सवार दो हमलावरों ने उस वक्त की, जब वह अपने घर जा रहे थे। उन्होंने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पैगंबर मुहम्मद से संबंधित एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके बाद से कट्टरपंथी मुस्लिम उनके खिलाफ थे। कट्टरपंथियों ने उन पर ‘ईशनिंदा’ का आरोप लगाया था।
किशन भरवाड हत्या मामले में अब तक देश भर से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें छह मौलाना शामिल हैं। कई एजेंसियाँ इस मामले की जाँच कर रही हैं। जाँच में पाकिस्तान से संबंध भी सामने आया है। गिरफ्तार होने वालों में अहमदाबाद के जमालपुर का मौलाना मोहम्मद अयूब जवरावाला और दिल्ली का मौलाना कमर गनी उस्मान भी शामिल है। जाँच के दौरान खुलासा हुआ कि किशन की हत्या एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी। इस घटना को एक साल होने पर ऑपइंडिया ने मामले की वर्तमान स्थिति, किशन के परिवार और धंधुका का हाल जानने का प्रयास किया।
किशन भरवाड का परिवार
जब किशन की हत्या हुई थी, तब उनकी बेटी महज 23 दिन की थी। ऑपइंडिया ने धंधुका में रहने वाले उनके परिजनों से संपर्क किया। किशन के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी, बेटी, दो भाई और एक बहन है। बेटी अब एक साल की हो गई है। किशन की हत्या के सदमे से परिवार अभी पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। इस मामले पर बात करते हुए उनके परिवार वालों की आँखें भर आईं। आज भी परिवार के सभी सदस्य अपने लाडले किशन को बहुत याद करते हैं।
शिवभाई भरवाड ने ऑपइंडिया से बातचीत में बेटे किशन को याद करते हुए बताया कि वह हिंदुत्व विचारधारा वाले लोकप्रिय युवाओं में से एक था। उन्हें नहीं पता था कि उनके बेटे पर ऐसा हमला भी हो सकता था। उन्हें इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि जिहादी मानसिकता के लोग उनके बेटे की तलाश कर रहे हैं। जब किशन के पिता को घटना की जानकारी हुई तो उन्हें इस बात पर विश्वास ही नहीं हुआ। शिवभाई ने कहा कि किशन धार्मिक प्रकृति का था और अपनी हिंदुत्व विचारधारा के लिए जाना जाता था। शायद उसकी विचारधारा जिहादियों की आँखों में खटक रही थी।
हिंदू संगठनों ने की मदद
शिवभाई ने बताया कि जब यह खबर आई कि किशन की इस्लामवादियों ने हत्या कर दी है, तो गुजरात भर के कई छोटे और बड़े हिंदू संगठन उनके समर्थन में आए। विभिन्न संस्थाओं के कई पदाधिकारी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने भी पहुँचे। कानूनी लड़ाई के पहले दिन से ही इन लोगों ने बहुत मदद की।
गुजरात सरकार साथ रही
किशन के पिता ने बताया कि घटना के दिन से ही गुजरात सरकार और राज्य की पुलिस ने पर्याप्त सहयोग दिया। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने व्यक्तिगत रूप से परिवार से मुलाकात की। भरोसा दिलाया कि सभी आरोपितों को पकड़कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
गौरतलब है कि घटना वाले दिन पुलिस तुरंत हरकत में आ गई थी। कुछ ही घंटों में गुजरात के कोने-कोने से आरोपितों की ढूँढकर गिरफ्तार किया गया। किशन के पिता और परिवार के अन्य सदस्यों ने राज्य सरकार और पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया।
किशन की हत्या के बाद धंधुका के हालात
शिवभाई ने हमें भरतभाई परमार, एक करीबी पारिवारिक रिश्तेदार और एक सामाजिक नेता से भी संपर्क कराया। उन्होंने ऑपइंडिया से धंधुका के हालात के बारे में विस्तार से बात की। ऑपइंडिया से बात करते हुए भरतभाई ने कहा कि धंधुका और उसके आसपास का इलाका हमेशा से संवेदनशील रहा है। छोटी-बड़ी धार्मिक झड़पें, वाद-विवाद और संघर्ष यहाँ अक्सर होते रहे हैं। इलाके के मुस्लिमों ने हमेशा अपना वर्चस्व साबित करने और बढ़ाने की कोशिश की है। भरतभाई ने यह भी बताया कि जब किशन की हत्या हुई तो इलाके के लोगों को अहसास हुआ कि इस्लामवादी और कट्टरपंथी किसी भी छोटी सी घटना या बातचीत को नहीं भूलते हैं। उसे सालों तक याद रखते हैं। वे अपना समय साजिश रचने और हमला करने में लगाते हैं।
अब हिंदू अधिक सतर्क
भरतभाई ने कहा कि घटना के तुरंत बाद इलाके के लोगों में हिंदुत्व फिर से जाग उठा। किशन की निर्मम हत्या से हर समुदाय के लोगों में आक्रोश है। उन्होंने सर्वसम्मति से इसे एक हिंदू युवक पर हमला माना और उसके लिए न्याय की माँग करने के लिए एक साथ आगे आए। हत्या के बाद से क्षेत्र में कोई अन्य घटना नहीं हुई है, लेकिन हिंदू अधिक जागरूक और सतर्क हो गए हैं।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम
21 जनवरी, 2023 को विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आस्था फाउंडेशन, युवा ब्लड डूनेट ग्रुप धंधुका, हिंदू धर्म सेना, भगवा सेना, करणी सेना, कई अन्य हिंदू धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने किशन भारवाड़ की पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री महेंद्र मुंजपारा, गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी, धंधुका विधायक कालूभाई डाभी, गुजरात भाजपा के महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
मामले का कानूनी पहलू
ऑपइंडिया ने कानूनी रूप से मामले की वर्तमान स्थिति और अभियुक्तों की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी जुटाई। हमारी जाँच के अनुसार, मामला अभी भी विचाराधीन है। सभी आरोपित फिलहाल जेल में हैं। निचली अदालत और गुजरात हाई कोर्ट ने आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। उनके अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है, जिस पर फैसला आना बाकी है। आरोपितों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। ऐसे में जमानत मिलने की संभावना न के बराबर है। किशन भारवाड का परिवार अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट है।
जिहादी हमले को स्थानीय झड़प का रूप देने की साजिशें
किशन भारवाड पर हमला एक जिहादी-आतंकवादी हमला था। हालाँकि, इस्लामवादियों और उदारवादियों ने इसे स्थानीय संघर्ष के रूप में बताने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे अपने प्रयासों में विफल रहे। जब मामला ताजा था, उस वक्त हमने खुलासा किया था कि इस्लामवादी किशन के लिए न्याय की माँग कर रहे लोगों पर नजर रख रहे थे। बाद में उन्होंने मैसेज व फोन करके उन्हें धमकी दी और उन पर भी हमले की योजना बनाई थी।
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— लिंकन सोखडिया (@journolinc) January 28, 2022
पूरा थ्रेड आख़िर तक ध्यान से पढ़े। सभी बाते सबूतके साथ रखूँगा।
हमारे एक हिंदू भाई किशन भरवाड़ पर हाल ही में पीठ पीछे हमला और उसकी हत्या कोई सामान्य दुर्घटना नहीं है बल्कि एक सुनियोजित हमला है।
इसका एक ताजा और जीवंत उदाहरण मैं आपको देता हूं। pic.twitter.com/tUQb6GaUEn
28 जनवरी 2022 को हमने ऐसे ही एक ऑनलाइन इस्लामिक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था। जिसमें हमने बताया था कि सिंडिकेट कैसे चल रहा था और एक-एक कर हिंदू युवाओं को निशाना बना रहा था। बाद में पुलिस जाँच में पता चला कि किशन की हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता मौलाना उस्मानी ने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी इस्लामिक रैकेट में शामिल करने के लिए एक सोशल मीडिया टीम बनाई थी।
यह रिपोर्ट मूल रूप से ऑपइंडिया गुजराती में प्रकाशित हुई है, इस लिंक पर क्लिक कर आप इसे पढ़ सकते हैं।