मशहूर कवि व पूर्व AAP नेता कुमार विश्वास की पत्नी और राजस्थान लोक सेवा आयोग की सदस्य मंजू शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज हुई। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने यह कार्रवाई अधिशासी अधिकारी (EO) परीक्षा में ओएमआर शीट बदलवाने के बदले घूस लेने के आरोप में की। हालाँकि एसीबी के डीजी ने उन्हें मौखिक रूप से क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में पुलिस कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व राज्य मंत्री गोपाल केसावत समेत अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित अधिशासी अधिकारी (ईओ) की भर्ती परीक्षा में घूस लेने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो सख्त रुख अपना रहा है। एसीबी ने इस मामले में कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा के अलावा आयोग की सदस्य संगीता शर्मा और संगीता आर्य के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। इनमें से संगीता आर्य राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी हैं।
इस मामले में राजस्थान एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने कहा है कि एक शिकायतकर्ता को विश्वास में लेने के लिए एक बिचौलिए ने कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा का नाम लिया था। यही नहीं एक बिचौलिए ने शिकायतकर्ता से यह भी कहा था कि कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री रहे गोपाल केसावत लोक सेवा आयोग की सदस्य संगीता आर्य और मंजू शर्मा को जानते हैं। केसावत इन दोनों के जरिए लोगों को पास करा सकते हैं।
हालाँकि एसीबी के डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने मंजू शर्मा समेत राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों को मौखिक रूप से क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में लोक सेवा आयोग का किसी भी स्तर का कोई व्यक्ति शामिल नहीं है।
क्या है मामला
एडवोकेट हरदीप सिंह सुंदरिया अभ्यर्थी विकास व एक अन्य व्यक्ति ने 7 जुलाई 2023 को सीकर के एंटी करप्शन ब्यूरो में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा गया था कि अधिशासी अधिकारी यानि ईओ की भर्ती परीक्षा में विकास नामक अभ्यर्थी को मेरिट में लाने के लिए अनिल कुमार नामक बिचौलिए ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा व आरपीएससी चेयरमैन के नाम से 40 लाख रुपए की माँग की थी।
शिकायत में यह भी कहा गया था कि बिचौलिए के साथ रिजल्ट आने से पहले 25 लाख रुपए और बाद में 15 लाख रुपए देने का सौदा हुआ था। अनिल ने ओएमआर शीट देखकर यह भी कहा था कि अभ्यर्थी के 62 प्रश्न सही और 20 गलत हैं। इसके बाद एसीबी ने बिचौलियों और कॉन्ग्रेस नेता गोपाल केसावत को दलालों संग रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
ACB के ट्रैप से हुई गिरफ्तारी
भर्ती के लिए 40 लाख रुपए की घूस की माँग को लेकर शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाल बिछाया था। शुक्रवार (14 जुलाई 2023) को एसीबी ने जाल के तहत ही बिचौलिए अनिल कुमार और ब्रह्मप्रकाश को 18.50 लाख रुपए की रिश्वत दिलाई थी। इसके बाद एसीबी दोनों पर निगरानी रख रही थी। शुक्रवार रात को ही दोनों आरोपित एक अन्य बिचौलिए रविन्द्र शर्मा को 7 लाख 50 हजार रुपए देने पहुँचे थे। जहाँ एसीबी ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों आरोपितों से हुई पूछताछ में गोपाल केसावत सहित अन्य लोगों का नाम सामने आया था।
इसके बाद एसीबी ने कुल 18.50 लाख रुपए में से 7.5 लाख रुपए शिकायतकर्ता को वापस देते हुए जयपुर में राजस्थान राज्य विमुक्त, घुमंतू व अर्द्धघुमंतू कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री रहे गोपाल केसावत को देने के लिए कहा था। जब गोपाल केसावत शिकायतकर्ता से यह पैसा ले रहे थे तब एसीबी ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था।