देश में धर्मांतरण का जाल लगातार फैलाया जा रहा है। इसके लिए विदेशी फंडिंग से लेकर तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। धर्मांतरण का नया मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सामने आया है। लखीमपुर खीरी के निघासन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दौलतापुर गांव में ईसाई मिशनरी के लोगों पर लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने का आरोप लगा है। धर्मांतरण का यह आरोप स्थानीय ग्रामीणों ने ही लगाया है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार (19 अगस्त) को दौलतापुर में धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम गाँव के ही दयाराम नामक व्यक्ति के घर के सामने आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम को लेकर ग्राम प्रधान दीपक जायसवाल व अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें में पंजाब के ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग आए थे।
इस कार्यक्रम में पहले ईसाई मजहब से जुड़े भजन और प्रवचन चलाए गए थे। इसके बाद ईसाई मजहब से जुड़ी हुई बातें करते हुए ईसाइयत की तारीफ की गई और इसे ही स्वीकार करने के लिए कहा गया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों को इकट्ठा कर बीमारी दूर करने से लेकर अन्य प्रकार के लालच दिए जा रहे थे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि बीते सात महीनों से यहाँ ऐसा ही चला आ रहा है। इस तरह के कार्यक्रमों के चलते ही गाँव के तीन-चार लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है।
पुलिस को देख भाग खड़े हुए लोग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दौलतापुर में आयोजित इस कार्यक्रम को लेकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। इस सूचना के बाद, सीओ सुबोध जायसवाल और तहसीलदार भीमचंद पुलिस फोर्स के साथ कार्यक्रम स्थल पहुँच गए थे। पुलिस बल को देखते ही वहाँ मौजूद लोग कार्यक्रम स्थल को छोड़कर भाग खड़े हुए।
इस पूरे मसले पर तहसीलदार भीमचंद ने कहा है हम लोग पुलिस टीम के साथ दौलतापुर गाँव गए थे। गाँव के ही दयाराम नामक व्यक्ति के घर सामने बिना किसी अनुमति के भीड़ इकट्ठा कर धर्म का प्रचार किया जा रहा था। इसके बाद, कार्यक्रम को तुरंत बंद करवाते हुए दोनों आयोजकों निक्का और दयाराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
इस मामले पर कोतवाल चंद्रभान यादव ने कहा है कि इस कार्यक्रम को लेकर लिखित शिकायत नहीं मिली थी। इसलिए, आयोजकों पर शांति भंग करने को लेकर चालान किया गया है।