उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी कोतवाली क्षेत्र में एक दलित युुवक को रोजगार दिलाने का प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा कर पाँच माह तक बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है। पिता की शिकायत पर पुलिस 20 वर्षीय युवक को मदरसे से निकाल कर लाई।
पुलिस ने इस मामले में पिता की तहरीर पर 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पाँच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालाँकि घटना का मुख्य आरोपित मदरसे का मौलाना यूनुस फरार हो गया। फिलहाल गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ की जा रही है और मौलाना की तलाश की जा रही है।
गारबपुर गाँव के निवासी दामोदर ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह और उसका बेटा ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करते हैं। पाँच माह पहले उसके पुत्र अनुज को रोजगार दिलाने का बहाना बना कर कुछ लोग उसे दिल्ली ले गए थे। इसके बाद सभी ने मोबाइल ऑफ कर लिया। उसका अपने बेटे से संपर्क नहीं हो पाया।
काफी दिनों तक बेटे से संपर्क न हो पाने के बाद उसने उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान उसे पता चला कि उसके बेटे को मोहल्ला सरैयां के मदरसा में बंधक बना कर रखा गया है। दामोदर ने बताया कि उसके बेटे अनुज का जबरन धर्मांतरण कर दिया गया है। जब वह मदरसा पहुँचा तो उसे भगा दिया गया। तब उसने पुलिस को सूचना दी। कस्बा चौकी इंचार्ज कस्बा राजेश यादव पुलिस बल के साथ मदरसा पहुँचे। वहाँ से अनुज को बाहर निकाला।
पुलिस अनुज और मदरसे में मिले अन्य लोगों को लेकर कोतवाली पहुँची। अनुज ने बताया कि उसे मदरसे में बिलाल रजा नाम दिया गया था। एएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में एससी-एसटी एक्ट, अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन समेत कई धाराओं में 6 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने शहबान रजा, मुकीम, अकलीम रजा, अफसर अली, इशहाक व मदरसा संचालक यूनुस निवासी महमदपुर थाना मोहम्मदी पर मुकदमा दर्ज किया है। मामले में जाँच की जा रही है।