Sunday, November 17, 2024
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‘घटना का राजनीतिकरण न हो’: लखीमपुर खीरी हिंसा में मृतक ‘किसान’ के परिजनों ने की हाथ जोड़ कर अपील, Video

लवप्रीत के बहनोई कहते हैं, "हम सब लोग बोल रहे हैं कि हमारा भाई लवप्रीत सिंह इस किसान आंदोलन के संघर्ष में शहीद हुआ है। किसान संयुक्त मोर्चा ने जो स्टैंड लिया है हम उसका सम्मान करते हैं और शासन-प्रशासन ने जैसे समर्थन दिया है हम उसका भी सम्मान करते हैं और बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं।”

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जहाँ हर विपक्षी दल किसानों के नाम पर मामले का राजनीतिकरण करने में जुटा है और माहौल को उकसाने के प्रयास हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर योगी सरकार कोशिश कर रही है कि हर हिंसा पीड़ित को इंसाफ मिले और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हो। इस बीच लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए ‘किसान’ लवप्रीत सिंह के परिवार वालों का बयान सामने आया है। इसमें वह हाथ जोड़कर अपील कर रहे हैं कि इस घटना पर राजनीति न की जाए।

परिवार द्वारा जारी की गई वीडियो में लवप्रीत सिंह के बहनोई मक्खन सिंह अन्य परिवारजन के साथ सामने आकर कहते हैं, “वाहे गुरुजी दा खालसा, वाहे गुरुजी दी फतह। (अपने साथ खड़े लोगों का परिचय कराते हुए मक्खन सिंह ने कहा) हम सब लोग बोल रहे हैं कि हमारा भाई लवप्रीत सिंह इस किसान आंदोलन के संघर्ष में शहीद हुआ है। किसान संयुक्त मोर्चा ने जो स्टैंड लिया है हम उसका सम्मान करते हैं और शासन-प्रशासन ने जैसे समर्थन दिया है हम उसका भी सम्मान करते हैं और बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं।”

अपने बयान में मक्खन सिंह स्पष्ट कहते हैं कि ऐसे तत्व जो इस घटना का राजनैतिक लाभ लेना चाहते हैं। उनसे निवेदन है कि वो इस दुख की घड़ी में घटना का राजनैतिक लाभ न लिया जाए और किसी को परेशान न किया जाए। सभी से बस यही प्रार्थना है धन्यवाद। 

बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा में शिकार हुए 8 लोगों में 19 साल के लवप्रीत सिंह एक नाम हैं। लवप्रीत को लेकर मीडिया में छपी जानकारी बताती है कि वह इंटरमीडिएट तक पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की तैयारी कर रहा था। वह दो बहनों का बड़ा भाई और अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। लवप्रीत सिंह की मृत्यु से आहत बहनें (17 साल की गगनदीप और 15 साल की अमनदीप) अपने भाई के लिए न्याय माँग रही हैं। वहीं योगी सरकार पूरा प्रयास कर रही है मृतकों के परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान किया जाए। इस हिंसा में मारे गए प्रत्येक मृतक को 45-45 लाख रुपए और परिवार को एक सरकारी नौकरी देने का वादा दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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