समान नागरिक संहिता को लेकर जारी बहस के बीच एक सर्वे सामने आया है। इस सर्वे में 67% मुस्लिम महिलाओं ने शादी, तलाक, गोद लेने और संपत्ति के अधिकार के लिए एक समान कानून का समर्थन किया है। इसके अलावा 78% महिलाओं ने कहा है कि पुरुष और महिला दोनों की शादी 21 वर्ष की उम्र में ही होनी चाहिए।
न्यूज 18 ने अपने इस सर्वे में देश भर के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 8035 मुस्लिम महिलाओं से बातचीत की है। इस सर्वे में 18 साल से लेकर 65 साल तक की अशिक्षित, पढ़ी लिखी और यहाँ तक कि ग्रेजुएट मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल किया गया।
News18's #MegaUCCPoll reveals, 67.2% of India's Muslim women said yes when asked if they support a common law for marriage, divorce, adoption and inheritance;
— News18 (@CNNnews18) July 10, 2023
"I'm not at all surprised by the results. You've (News18) given a voice to Indian Muslim women": Activist… pic.twitter.com/sNyKevFOta
सर्वे के दौरान मुस्लिम महिलाओं से सवाल किया गया कि क्या वे शादी, तलाक, गोद लेने और संपत्ति के अधिकार के लिए एक समान कानून का समर्थन करेंगी। इस पर 67.2% महिलाओं यानि कि 5403 महिलाओं ने समर्थन करने की बात कही है। वहीं, 25.4% महिलाओं यानि 2039 महिलाओं ने समर्थन न करने की बात कही।
इसके अलावा, 593 महिलाओं यानि सर्वे में शामिल 7.4% लोगों ने इस बारे में कोई भी उत्तर नहीं दिया। वहीं 78.7% महिलाओं ने कहा है कि पुरुष और महिला दोनों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। वहीं 16.6% महिलाओं ने शादी के लिए एक समान या न्यूनतम 21 वर्ष की उम्र होने का विरोध किया है।
इस सर्वे में यह बात भी सामने आई कि पढ़ी-लिखी मुस्लिम महिलाओं का बड़ा तबका एक समान कानून के समर्थन में हैं। दरअसल, ग्रेजुएट या उससे अधिक शिक्षा प्राप्त कर चुकी महिलाओं में से 68.4% यानि 2076 मुस्लिम महिलाओं ने एक समान कानून के समर्थन की बात कही। वहीं, 27% महिलाओं यानि 820 लोगों ने कहा कि वह एक समान कानून के समर्थन में नहीं है। साथ ही 4.6% यानि 137 महिलाओं ने इस बारे में कोई उत्तर नहीं दिया।
UCC को लेकर किए गए इस सर्वे में 18-24 साल के बीच की 18.8% मुस्लिम महिलाएँ शामिल थीं। इसके अलावा, 24-34 साल की 32.9% मुस्लिम महिलाएँ, व 35 से 44 साल के बीच की 26.6% महिलाएँ व 45-54 साल के बीच की 14.4% महिलाएँ तथा 55-64 साल के बीच 5.4 % और 65 साल से ऊपर की 1.9% मुस्लिम महिलाएँ इस सर्वे का हिस्सा थीं।
सर्वे में शामिल महिलाओं की पढ़ाई के बारे में बात करें तो 10.8% पोस्ट ग्रेजुएट और 27% महिलाएँ ग्रेजुएट थीं। वहीं 12वीं या उससे ऊपर की पढ़ाई करने वाली महिलाओं की संख्या 20.8% थी। 10वीं और उससे अधिक पढ़ी महिलाएँ 13.8%, 5वीं से 10वीं पास 12.9%, 5वीं तक 4.4%, अशिक्षित 4.2%, साक्षर 4.2% और 1.9% अन्य मुस्लिम महिलाएँ रहीं।