केरल स्थित भगवान अयप्पा के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में शनिवार (अप्रैल 10, 2021) को विशेष पूजा का आयोजन किया गया। केरल में मनाए जाने वाले विशु त्योहार से पहले शनिवार को मंदिर को खोला गया है। कोरोना संक्रमण के बीच मंदिर खुलने के बाद कई सारे श्रद्धालु भी दर्शन पूजन के लिए पहुँचे। रविवार (अप्रैल 11, 2021) को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने भी दर्शन पूजन के लिए मंदिर का दौरा किया।
#WATCH | Special pooja was performed as Lord Ayyappa’s Sabarimala temple opened today for the Vishu festival in Kerala
— ANI (@ANI) April 10, 2021
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त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने कहा कि कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के कारण मंदिर में कोविड -19 प्रतिबंध लागू रहेगा। कतार से गुजरने वाले भक्तों की संख्या अनिवार्य रूप से प्रतिदिन 10,000 होगी। रविवार से केवल उन्हीं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास पिछले 48 घंटे में RT-PCR नेगेटिव सर्टिफिकेट होगा या फिर जिन्होंने कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज ले लिया हो। प्रशासन ने कहा था कि भक्तों को रविवार सुबह 5 बजे दर्शन की अनुमति दी जाएगी, जिसके बाद मंदिर 14 अप्रैल को सुबह 5 बजे ‘विशुकनी’ के दर्शन के लिए खोला जाएगा।
बता दें कि केरल विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Election 2021) में सबरीमाला का मुद्दा छाया रहा है और सत्तारूढ़ एलडीएफ से कॉन्ग्रेस नीत यूडीएफ ने भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं से कई वादे किए हैं। विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ LDF (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) को निशाने पर लेने के लिए विपक्षी UDF (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) और राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने ‘सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश’ के मुद्दे को प्राथमिकता दी थी।
राज्य में मतदान के दिन भी यह मुद्दा बहस का केंद्र रहा और बड़े नेता इस विषय पर एक दूसरे से उलझे रहे। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि सबरीमाला के मुख्य देव भगवान अयप्पा और अन्य देवी-देवताओं का आशीर्वाद एलडीएफ सरकार के साथ है, जिसने लोगों के कल्याण के लिए काम किया है।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस चुनाव में वाममोर्चा सरकार निश्चित ही भगवान अयप्पा एवं उनके श्रद्धालुओं के कोप का भाजन बनेगी। विजयन को निशाने पर लेते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि तीन साल पहले सबरीमाला में मुख्यमंत्री ने जो कुछ किया, वह ‘आसुरी कृत्य’ था और राज्य के लोग उनके ‘कपट भरे इस कर्म’ को नहीं भूलेंगे।
विजयन का ये बयान अजीब था, क्योंकि केरल की वामपंथी सरकार ने ही पूरी सुरक्षा के बीच तथाकथित महिला एक्टिविस्ट्स को सबरीमाला मंदिर के भीतर पहुँचाया था। साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। प्रदेश भर में भगवान अय्यपा के भक्तों पर हजारों केस दर्ज किए गए थे, जिन्हें चुनाव से ऐन पहले हटा लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में भी केरल की सरकार ने श्रद्धालुओं का पक्ष नहीं लिया।
2018 में भी सीपीएम ने सर्वोच्च न्यायालय के उस विवादित फैसले का समर्थन किया था, जिसने उस परंपरा को अवैध करार दिया था, जिसके तहत केरल के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र सीमा वाली महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। सीपीआईएम के नेतृत्व वाले केरल प्रशासन पर जानबूझकर दो महिलाओं को स्वेच्छा से मंदिर में प्रवेश करा, प्राचीन परंपरा को तोड़कर मंदिर को ही दूषित करने के आरोप लगे थे।