Saturday, September 21, 2024
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प्रवीण खान ने ‘बादल’ नाम बताकर नाबालिग हिंदू लड़की को प्रेम जाल में फँसाया, अपहरण के बाद कराया धर्मांतरण, मथुरा में हिंदू संगठन भड़के

हिंदूवादी संगठनों ने थाने का घेराव किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर लड़की की बरामदगी में देरी हुई, तो वे आंदोलन करेंगे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीमों का गठन किया है, जो लगातार आरोपियों और नाबालिग की तलाश कर रही हैं।

मथुरा में लव जिहाद का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ मुस्लिम युवक प्रवीण खान पर नाबालिग हिंदू लड़की को नाम बदलकर प्रेमजाल में फँसाने और धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया गया है। परिजनों ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जाँच शुरू की है। इस घटना से स्थानीय समुदाय में भारी आक्रोश देखने को मिला है। हिंदूवादी संगठनों ने थाने का घेराव कर लड़की की बरामदगी और आरोपितों की गिरफ्तारी की माँग की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मथुरा के थाना राया क्षेत्र के कटैला गाँव में, एक नाबालिग लड़की के परिजनों ने प्रवीण खान नामक युवक पर आरोप लगाया कि उसने अपना नाम बदलकर “बादल” के रूप में लड़की से दोस्ती की और उसे प्रेमजाल में फँसाया। इसके बाद लड़की को अगवा कर निकाह और धर्मांतरण की कोशिश की गई। परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके आधार पर प्रवीण खान और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। हालाँकि, लड़की और आरोपितों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

लड़की की बरामदगी में देरी को लेकर हिंदू संगठनों ने शुक्रवार (20 सितंबर 2024) को थाना राया का घेराव किया और सख्त कार्रवाई की माँग की। हिंदू महासभा की जिलाध्यक्ष छाया गौतम ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही लड़की को नहीं ढूँढा गया, तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगी। इस घटना के बाद से स्थानीय समुदाय में भारी आक्रोश है, और हिंदू संगठनों ने इसे लव जिहाद का मामला बताया है, जिसमें धर्मांतरण के लिए लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है।

इस मामले में पुलिस ने विशेष जाँच टीमों का गठन किया है और जल्द से जल्द नाबालिग लड़की को बरामद करने का आश्वासन दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपनी जाँच तेज कर दी है।

इस प्रकार की घटनाएँ समाज में भय और अविश्वास पैदा करती हैं, इसलिए इनका समाधान समय पर होना बेहद आवश्यक है। लव जिहाद जैसे मुद्दे धार्मिक और सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं, और इससे जुड़े मामलों को निष्पक्ष जांच और कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता होती है। जागरूकता बढ़ाना और सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान देना समाज के हित में है। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में धार्मिक तनाव को भी बढ़ा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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