मध्य प्रदेश के कटनी जिले में खुदाई के दौरान पुरातनकाल की कई मूर्तियाँ पाई गई हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपयों में आँकी जा रही है। वहीं माना जा रहा है कि यह मूर्तियाँ 11वीं सदी की हैं। इस बात की जानकारी जैसे ही क्षेत्र के लोगों को हुई। इसके बाद मूतियाँ देखने वाले लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। लोगों ने इसे अपने जिले की विरासत बताकर मूर्तियों को सजोने की माँग की है।
कटनी ज़िले के पुष्पावती नगरी बिलहरी में सोमवार की शाम को एक पुलिया निर्माण के लिए खुदाई का कार्य कराया जा रहा था। इसी बीच खुदाई के दौरान वहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को मिट्टी में दबी हुई अनूठी मूर्तियाँ नज़र आईं। नदी में खुदाई के दौरान एक पंचमुखी शिव, विष्णू भगवान सहित कुल 10 छोटी बड़ी मूर्तियाँ पाई गई हैं। सभी मूर्तियों को मिट्टी से बाहर निकालने के बाद इसकी सूचना तत्काल पुलिस प्रशासन को दी गई। सूचना पर पहुँचे अधिकारियों ने मूर्तियों की सफाई कराई और फ़िर इन सभी मूर्तियों को बिलहरी पुलिस चौकी में सुरक्षित रखवा दिया गया। वहीं मूर्तियाँ निकलने की सूचना जैसे ही आस-पास के लोगों को हुई, तो देखने वालों की मौके पर भीड़ जमा हो गई।
Today at construction site of Bridge, We found approximately 1200 year old statues of religious idols, unearthen while digging for a well for Pier construction under 40 feet depth . My team submitted it to govt. of India. Cost of idols is approx. 3.5 crores.
— Rishabh Upadhyay (@404_RISHABH) January 29, 2020
Near Katni,M.P. pic.twitter.com/zokrFaiTtM
सूचना मिलने पर पहुँचे पुरातत्व विभाग के मल्टी टॉस्क सर्विस बिलहरी प्रदीप जैन के मुताबिक यह सभी मूर्तियाँ 11वीं सदी की दिखाई देती हैं, जिनमें अद्वुत नक्कासी की गई। नीले रंग के पत्थर से बनी इन मूर्तियों की नक्कासी देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी बाजार कीमत करोड़ों में है। वहीं ज़िले में लगातार निकल रहीं प्रतिमाओं को देखते हुए लोगों ने ज़िले में पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना कराए जाने की माँग की है, जिससे कि ऐसी कीमती मूर्तियों को संरक्षित किया जा सके।
पत्रिका में प्रकाशित खबर के मुताबिक जिलाधिकारी शशिभूषण सिंह ने बताया कि बिलहरी में 11वीं सदी की मूर्तियाँ मिली हैं, जिनको संरक्षित करने के लिए पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा। वहीं पुरातत्व विभाग जबलपुर के डिप्टी डायरेक्टर पीसी श्रीवास्तव का कहना है कि सदाशिव, भगवान विष्णू के 10 अवतारों, भगवान सूर्य सहित अन्य देवी-वेवताओं की ये कलचुरी काल की प्रतिमाएँ हैं। ये सभी मूर्तियाँ 10वीं और 11वीं सदी के आस-पास की हैं। इनकी कीमत की गणना कराई जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ऐसी प्रतिमाओं की कीमत करोड़ों रुपए होती है।
आपको बता दें कि कटनी जिले में पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना की आवश्यकता जिला प्रशासन खुद स्वीकार कर चुका है और इसके लिए पिछले वर्ष 27 अगस्त को कलेक्ट्रेट में एक बैठक भी हो चुकी है। दुर्भाग्य की इस दिशा में जनप्रतिनिधियों एवम प्रबुद्ध वर्ग द्वारा कोई पहल नहीं की जाती है। फलस्वरूप अति महत्वपूर्ण सामग्री बड़े-बड़े संग्रहालय में चली जाती हैं और जो सामग्री पुरातत्व विभाग की देखरेख में बिलहरी, तिगवां, बड़ागाँव या कारीतलाई जैसे ग्राम्य अंचलों में रखी है, वह किसी गोदाम में रखे माल जैसे अनुपयोगी पड़ी हुई हैं। इसलिए प्राप्त प्रतिमाओं को कटनी में ही रखे जाने के लिए यहाँ शीघ्र ही जिला पुरातत्व संग्रहालय स्थापित करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए ।