मध्य प्रदेश के कटनी में एक मिशनरी संस्था द्वारा चलाए जा रहे बाल गृह में बच्चों से जबरन ईसाई प्रार्थना करवाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद संस्था के खिलाफ बाल न्याय अधिनियम व मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है। ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)’ के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने ईसाई संस्था के खिलाफ माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। इस संबंध में जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल कल्याण समिति की भूमिका भी संदेहास्पद है।
प्रियाँक कानूनगो ने पत्रकारों को मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनसीपीसीआर को कटनी के झिंझरी में चलाए जा रहे बाल गृह की शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद आयोग ने ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित संस्थान का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान बच्चों ने उन्हें बताया कि हिंदू अनुसूचित जाति और जनजाति (SC-ST) के बच्चों से जबरन क्रिश्चियन प्रेयर करवाया जाता था। दीपावली के दिन भी बच्चों को जबरन ईसाई प्रार्थना करने पर मजबूर किया गया।
The Special Juvenile Police Department has recorded the statements of the children. We will now file a case at Madhavnagar police station. The role of an officer of the District Child Protection Unit is also suspicious in this matter. The activities of the Child Welfare Committee…
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 29, 2023
औचक जाँच में बच्चों के कूट (फर्जी) दस्तावेज बनाए जाने, बच्चों की उम्र के साथ छेड़खानी जैसे मामले सामने आए। इसके अलावा बच्चों ने बताया कि क्रिश्चियन प्रेयर में शामिल न होने वाले बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। बीमार पड़ने पर उन्हें इलाज नहीं मिलता और खेलकूद में भी शामिल नहीं होने दिया जाता है। प्रियांक ने बताया कि स्पेशल जुवेनाइल पुलिस ने बच्चों का स्टेटमेंट दर्ज कर लिया है और इस संबंध में मामला भी दर्ज कर लिया गया है।
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— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) May 29, 2023
देर रात तक पुलिस थाने में बैठ कर बाल गृह संचालक जेरल्ड अलमेडा व अन्य आरोपियों के विरुद्ध किशोर न्याय अधिनियम व मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज करवाया,गड़बड़ियों में सम्मिलित सरकारी कर्मचारियों के नाम भी FIR में सम्मिलित किए गए हैं। https://t.co/d8w5AeAWJS pic.twitter.com/ydWsVipF0h
मामले में जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। कानूनगो ने बताया कि अधिकारी ने गोपनीय जाँच की जानकारी लीक की है। उस अधिकारी के खिलाफ बच्चों ने भी शिकायत की थी। साथ ही स्थानीय बाल कल्याण समिति की गतिविधियाँ भी संदिग्ध हैं जिसकी जाँच की जाएगी।
संस्था के खिलाफ 4 बच्चों और 1 बालिग ने अपना बयान दर्ज कराया है। मिशनरी को विदेशों से भी फंडिंग मिलने की बात कही जा रही है। रिपोर्टों में इसे धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने का मामला बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि बच्चों द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर मामले की जाँच की जा रही है।