मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाबालिग नौकरानी से दुष्कर्म के आरोपित आबकारी उप निरीक्षक पंकज जैन की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। पंकज जैन को मंगलवार (जुलाई 21, 2020) को उज्जैन के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। सीएम शिवराज सिंह ने पंकज जैन की सेवाओं को बर्खास्त करते हुए फैसला सुनाया है कि इस मामले में अब कोई विभागीय जाँच नहीं होगी।
शिवराज सिंह चौहान ने अपनी निर्धारित कैबिनेट बैठक से पहले कहा, “हमने नाबालिग से रेप के आरोपित एक्साइज सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है और इस मामले में अब कोई विभागीय जाँच नहीं होगी।”
बच्ची से बलात्कार के मामले में उज्जैन के आबकारी सब इंस्पेक्टर को मुख्यमंत्री ने तत्काल सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया है: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा #MadhyaPradesh pic.twitter.com/gwY4DJygnA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2020
बता दें पुलिस ने आबकारी उप निरीक्षक पंकज जैन को मंगलवार को उज्जैन में इंदौर रोड पर स्थित होटल मधुबन से गिरफ्तार किया था। पंकज जैन पिछले लगभग 11 महीने से अपनी नाबालिग नौकरानी का बालात्कार करता रहा और उसके वीडियो बनाता रहा। पंकज जैन उसे झूठे मुकदने में फँसाने की धमकी देता था। साथ ही कहता था कि तुम्हें पत्नी के गहने चोरी के आरोप में फँसा दूँगा। लड़की उसकी धमकियों से डर जाती थी।
लड़की का यह भी आरोप है कि वो उसे अक्सर गंदी फिल्में मोबाइल पर भेजता था और गंदी बातें भी लिखता था। पंकज की प्रताड़ना से तंग आकर लड़की ने होटल पहुँचने से पहले ही पुलिस को सूचना दे दी थी।
पुलिस के अनुसार पीड़िता आरोपित पंकज जैन के घर पर घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है। उसने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जैन कुछ वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद उसके साथ बलात्कार कर रहा था। पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपित ने उसे एक होटल में बुलाया था। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने होटल में जाल बिछाया और आरोपित के साथ होटल में ठहरने के बाद आबकारी अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
जैन ने होटल में अपने आने-जाने की कोई जानकारी भी दर्ज नहीं करवाई थी। इस पर पुलिस ने होटल मैनेजर और कर्मचारी को भी हिरासत में ले लिया है। पंकज जैन पर आईपीसी की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की अन्य संबंधित धाराओं के तहत बलात्कार के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले शिवराज सरकार ने भोपाल के रेप आरोपित पत्रकार प्यारे मियाँ से सरकारी आवास छीन लिया था। इसके साथ ही ‘अफ़कार’ अख़बार चलाने के लिए उसे मिले पत्रकार की अधिमान्यता भी रद्द कर दी गई। नाबालिग लड़कियों को पार्टी के बहाने बुला कर शराब पिला कर नचवाने वाले और फिर उनका बलात्कार करने वाले भोपाल के पत्रकार प्यारे मियाँ को जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया था।