Monday, December 23, 2024
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दमोह के जिस कॉन्वेंट स्कूल ने TC में छात्राओं का बदला धर्म, वह माता-पिता पर ईसाई बनने का बनाता था दबाव: इनकार करने पर मैनेजर करता था प्रताड़ित

गुड शेफर्ड स्कूल में LKG से लेकर 8वीं तक की पढ़ाई होती थी। इस साल फरवरी तक इस स्कूल में लगभग 450 बच्चे पढ़ते थे। विवाद के बाद बच्चों की संख्या घटकर 215 रह गई है। प्रशासन ने जब स्कूल में जाँच की तो इस दौरान ऐसी पुस्तकें और दस्तावेज मिले, जिससे बच्चों और टीचिंग स्टाफ का धर्मांतरण कराने की कोशिश का पता चला है।

मध्य प्रदेश के एक नामी अंग्रेजी स्कूल में छात्राओं की स्कूल स्थानांतरण सर्टिफिकेट (TC) में उनका धर्म बदलने का आरोप लगाया है। छात्राओं के अभिभावक ने मध्य प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से इसकी शिकायत की है। अब यह बात सामने आई है कि स्कूल प्रशासन ने छात्राओं के परिजन पर धर्मांतरण का दबाव बनाया था। जब वे तैयार नहीं हुए तो उनके बच्चों का धर्म सर्टिफिकेट पर बदल दिया।

मध्य प्रदेश के दामोह में स्थित गुड शेफर्ड इंग्लिश मीडियम स्कूल की दो छात्राओं के स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर हिंदू धर्म की जगह ईसाई धर्म लिखे जाने का आरोप लगाया है। छात्राओं का कहना है कि स्कूल प्रशासन की इस गलती के कारण उन्हें नए स्कूल में नामांकन लेने में समस्या हो रही है। छात्राओं के अभिभावक ने इस मामले की लिखित शिकायत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के समक्ष दर्ज कराई है।

इस मामले का संज्ञान लेते हुए आयोग ने जिलाधिकारी को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविंद्र मोरे ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के रहने वाले रवि शंकर ने शिकायत दर्ज कराई है कि गुड शेफर्ड स्कूल द्वारा उनकी दो बेटियों के स्थानांतरण प्रमाण पत्र में धर्म हिंदू की स्थान ईसाई लिख दिया गया है।

भास्कर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल प्रशासन ने मूल रूप से वाराणसी के रहने वाली छात्राओं के माता-पिता पर धर्मांतरण पर पहले दबाव डाला था। उन्होंने जब इनकार किया तो प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके बाद स्कूल की टीसी पर छात्राओं की धर्म ईसाई लिख दिया गया। छात्राएँ अनुसूचित जाति वर्ग की है। इसके कारण उन्हें दूसरे स्कूलों में नामांकन करने में परेशानी आ रही है।

पथरिया स्थित गुड शेफर्ड स्कूल के खिलाफ साल 2023 में भी शिकायत हो चुकी है। तब स्कूल का मैनेजर और उसकी पत्नी फरार हो गए थे। इस बार हुई शिकायत के बाद बाल आयोग ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है। शिकायत के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने गुड शेफर्ड स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है।

दरअसल, वाराणसी से 30 किलोमीटर दूर बरजी गाँव के रहने वाले रविशंकर भारती साल 2011 में दमोह गए थे। वहाँ गुड शेफर्ड मिडिल स्कूल में शिक्षक के रूप में उनकी जॉब लग गई। कुछ दिनों बाद उन्हें मौखिक तौर पर स्कूल का प्रिंसिपल भी बना दिया। साल 2014 के बाद रवि शंकर अपने परिवार को भी दमोह लेकर गए। वहाँ उनकी पत्नी किरण को भी स्कूल ने शिक्षक की नौकरी दे दी।

इसके बाद रविशंकर और किरण ने अपने चारों बच्चों का इसी स्कूल में नाम लिखवा दिया। रविशंकर का कहना है कि 2014-15 में जब उन्होंने अपने बच्चों का इस स्कूल में नामांकन कराया तो फॉर्म में धर्म के कॉलम में हिन्दू लिखा था। इस पर स्कूल की मैनेजर की पत्नी स्मिता मोल नाराज हो गईं। उन्होंने दूसरा फॉर्म देते हुए कहा कि इसमें ईसाई लिखना होगा। यह सिर्फ कागजी होगा, ताकि नौकरी बची रहे।

रविशंकर का कहना है कि नौकरी जाने के डर से वे मानसिक दबाव में आ गए और फॉर्म में अपने बच्चों का धर्म ईसाई लिख दिया। उनका कहना है कि बच्चों का नामांकन होने के बाद मैनेजर शेर तेरंग ने उनसे चर्च जाने के लिए कहने लगा। बच्चों को भी रविवार की प्रार्थना के लिए चर्च भेजने के लिए कहा। इस पर रविशंकर ने मना कर दिया। उनका कहना है कि स्कूल दूसरे सभी टीचर ईसाई थे।

रविशंकर का यह भी आरोप है कि क्लास के नैतिक शिक्षा की पीरियड में ईसाई धर्म से संबंधित चीजें बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा जाता था। जब वे विरोध किए तो वे निशाने पर आ गए। उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से उनका खुलवाए गए EPF खाते में उनके नाम की स्पेलिंग ही बदल दी गई। इसकी शिकायत रविशंकर ने मैनेजर से की तो उसने कहा कि ‘तुम ईसाई नहीं बन रहे हो। इसलिए मदद नहीं मिलेगी।’

रविशंकर ने कहा कि साल 2022-23 में उन्हें प्रिंसिपल के पद से भी हटा दिया गया। यहाँ तक कि स्कूल की ओर से बीआरसी कार्यालय में शिक्षकों की भेजी गई सूची और टीचर अटेंडेंस रजिस्टर से भी उनका और उनकी पत्नी का नाम भी हटा दिया गया। इसके बाद रविशंकर ने इसकी शिकायत एसडीएम से की और कहा कि उन पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

शिकायत के बाद एसडीएम की ओर से जाँच शुरू हुई तो मैनेजर शेर सिंह तेरंग और उसकी पत्नी स्मिता मोल फरार हो गईं। रविशंकर ने बताया कि बड़ी बेटी प्रज्ञा 12वीं में पथरिया में ही दूसरे स्कूल में पढ़ रही थी। वहीं, रिया 8वीं में और सृष्टि 5वीं में इसी स्कूल में पढ़ती थीं। तीनों का बोर्ड का एग्जाम था। इसलिए स्कूल नहीं छोड़ा। परीक्षा खत्म होने के बाद टीसी लेने गए तो वहाँ यह घटना हुई।

गुड शेफर्ड स्कूल में LKG से लेकर 8वीं तक की पढ़ाई होती थी। इस साल फरवरी तक इस स्कूल में लगभग 450 बच्चे पढ़ते थे। विवाद के बाद बच्चों की संख्या घटकर 215 रह गई है। प्रशासन ने जब स्कूल में जाँच की तो इस दौरान ऐसी पुस्तकें और दस्तावेज मिले, जिससे बच्चों और टीचिंग स्टाफ का धर्मांतरण कराने की कोशिश का पता चला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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