रामनवमी शोभा यात्रा पर देश के कई राज्यों में इस बार हमला हुआ है। ऐसी ही एक घटना मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन से भी सामने आई थी। हिंसा करने वालों से शिवराज सरकार सख्ती से निपट रही है। जिला प्रशासन ने पत्थरबाजों के अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ढाह दिया है।
10 अप्रैल 2022 को भड़की हिंसा में खरगोन के पुलिस अधीक्षक (SP) सिद्धार्थ चौधरी को भी गोली लगी थी। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने विस्तार से उस दिन की घटना के बारे में बताया है। यह भी बताया है कि कैसे उनको गोली लगी और किस तरह पत्थरबाजी में उनका गनमैन घायल हुआ था।
एसपी ने बताया कि एक व्यक्ति तलवार लेकर हिंदुओं की तरफ दौड़ा था। उन्होंने 12-15 पुलिसवालों के साथ उसे पकड़ने की कोशिश की। पुलिस ने उसे पकड़ लिया, लेकिन वह छूटकर फिर से भागने लगा। फिर एसपी ने जैसे ही उसे दौड़कर पकड़ने की कोशिश की, किसी ने पीछे से उनके पैर पर गोली मार दी। चौधरी ने बताया कि शुरुआत में उन्हें लगा कि किसी ने पत्थर मारा है। लेकिन उनके गनमैन को समझ आ गया था कि गोली लगी है। सिर पर चोट लगे होने के बावजूद गनमैन खून से लथपथ एसपी को हॉस्पिटल लेकर गए।
एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि मुख्य झाँकी न आने की वजह से जुलूस निकलने में थोड़ी देर हो गई थी। इस दौरान मस्जिद में नमाज का समय हो गया और फिर हालात बिगड़ गए। उन्होंने बताया है कि प्रशासन झाँकियों को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पीछे से कुछ लोगों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे लोग इकट्ठा हो गए और आगजनी करनी शुरू कर दी। संकरी और तंग गली होने के बावजूद पुलिस वालों ने जिन घरों में आग लगी थी, वहाँ से लोगों को सुरक्षित निकाला।
क्या है पूरा मामला?
10 अप्रैल को खरगोन के तालाब चौक इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा के दौरान छह पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हो गए। हमले के बाद शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटना अचानक नहीं घटी। यह पूर्व नियोजित हमला था। उपद्रवियों ने पहले से ही छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे।