मध्य प्रदेश के दलित युवक धन प्रसाद अहिरवार की गुरुवार (23 जनवरी 2020) को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। केरोसिन उड़ेल कर उसे आग के हवाले कर दिया गया था। 24 वर्षीय अहिरवार को जलाने के आरोप में पुलिस ने अज्जू पठान, कल्लू, इरफान और छुट्टू को गिरफ्तार किया था। एससी/एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया है। अहिरवार को 21 जनवरी को एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया था।
मृतक सागर जिले के अयोध्या बस्ती का रहने वाला था। आरोपित भी इसी मुहल्ले के हैं। यह मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे थे। बीजेपी ने राज्य सरकार पर दोषियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
Dhan Prasad Ahirwar, a youth who was set abalze following a clash with his neighbours in Sagar (Madhya Pradesh) on January 16 passed away in Delhi’s Safdarjung Hospital today, during treatment. A case was registered under SC/ST Act in the matter.
— ANI (@ANI) January 23, 2020
अहिरवार की मौत की जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएँ जताई है। साथ ही कहा है कि पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद के निर्देश दिए गए हैं।
सागर निवासी युवक धनप्रसाद अहिरवार की दिल्ली में इलाज के दौरान दुःखद मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 23, 2020
परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।
दुःख की इस घड़ी में परिवार के साथ सरकार खड़ी है।
परिवार की हर संभव मदद के निर्देश।
आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण इस मामले को मेनस्ट्रीम मीडिया ने भी छिपाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन, सोशल मीडिया में पीड़ित का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ मीडिया संस्थान इस खबर को प्रकाशित करने के लिए मजबूर हो गए थे। अनुसूचित जाति-जनजाति, अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के अध्यक्ष हीरालाल चौधरी ने कहा था कि पीड़ित युवक को आरोपित काफी दिनों से परेशान कर रहे थे। अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती तो यह घटना नहीं होती।
Horrific!
— Aviral Sharma (@sharmaAvl) January 18, 2020
A Dalit boy has ben burnt alive in MP’s Muslim dominated area!
He was beaten badly a few days back, but police refused to act, because the perpetrators belonged to the ruling party’s favourite community.
Dalit rights activists like Ravish Kumar are silent now! pic.twitter.com/6YcGOwTDMN
गौरतलब है कि आरोपितों ने मामूली विवाद के बाद अहिरवार को आग लगा दी थी। इस घटना से दो दिन पहले भी आरोपितों का धन प्रसाद से विवाद हुआ था। मृतक के भाई धर्मेंद्र अहिरवार ने बताया था कि आरोपितों से बच्चों को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद आरोपितों ने राजीनामा करने का भी दबाव बनाया। 14 जनवरी की रात आरोपितों ने पीड़ित के परिजनों से मारपीट करते हुए धन प्रसाद को घेर लिया और आग लगा दी। बताया जाता है कि आरोपित पीड़ित परिवार को कई दिनों से परेशान कर रहे थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने शासन और प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है, “आखिरकार मध्यप्रदेश में शासन-प्रशासन की लापरवाही ने सागर के दलित युवक धन प्रसाद अहिरवार की जान ले ली। समय रहते कमलनाथ सरकार अगर दलित युवक की सुध ले लेती तो आज उस युवक की जान बचाई जा सकती थी।”