मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित युवक को जिंदा जलाए जाने की घटना सामने आई है। युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि 14 जनवरी की रात 24 वर्षीय धनिराम अहिरवार पर कुछ लोगों ने केरोसिन उड़ेलकर उसे जिंदा जलाने की कोशिश की। करीब 60 फीसद तक झुलस चुके धनिराम की हालत गंभीर है।
पुलिस ने आरोपितों छुट्टू, अज्जू पठान, कल्लू और इरफान ने को गिरफ्तार कर लिया है। आपसी विवाद के बाद इनलोगों ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि इस घटना से दो दिन पहले भी इनलोगों का धनिराम से विवाद हुआ था। पीड़ित के भाई धर्मेंद्र अहिरवार ने बताया कि आरोपितों से बच्चों को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद आरोपितों ने राजीनामा करने का भी दबाव बनाया। 14 जनवरी की रात आरोपितों ने पीड़ित के परिजनों से मारपीट करते हुए धनिराम को घेर लिया और उसे आग लगा दी।
सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे वीडियो से पता चलता है कि आरोपित कई दिनों से पीड़ित परिवार के लोगों को परेशान कर रहे थे। मोती नगर पुलिस ने आरोपित छुट्टू, अज्जू, कल्लू, इरफान के खिलाफ धारा 294, 323, 452, 307, 34 व एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। दैनिक भास्कर की खबर में पीड़ित का नाम धनप्रसाद बताया गया है। आरोपित और पीड़ित एक ही मुहल्ले के रहने वाले हैं।
Horrific!
— Aviral Sharma (@sharmaAvl) January 18, 2020
A Dalit boy has ben burnt alive in MP’s Muslim dominated area!
He was beaten badly a few days back, but police refused to act, because the perpetrators belonged to the ruling party’s favourite community.
Dalit rights activists like Ravish Kumar are silent now! pic.twitter.com/6YcGOwTDMN
इस घटना को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति, अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) ने कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन दिया है। अजाक्स अध्यक्ष हीरालाल चौधरी ने बताया कि पीड़ित युवक को आरोपित काफी दिनों से परेशान कर रहे थे। अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती तो यह घटना नहीं होती।
मीडिया ने की घटना को छुपाने की कोशिश
आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण इस मामले को मेनस्ट्रीम मीडिया ने छिपाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन, सोशल मीडिया में पीड़ित का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ मीडिया संस्थान इस खबर को प्रकाशित करने के लिए मजबूर हो गए।
बीते साल जब उत्तराखंड में इसी तरह की घटना हुई थी तो मुख्यधारा की मीडिया ने बगैर पड़ताल किए ही इसे दलित और सवर्णों की लड़ाई के तौर पर पेश किया था। लेकिन आरोपितों के मुस्लिम होने और प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार को देखते हुए सागर की घटना पर चुप्पी साध ली गई। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार है।
मध्य प्रदेश के सागर में दलित धनीराम अहिरवार को मुस्लिम समुदाय के चार लोगों ने घर में घुस कर मिट्टी का तेल डाल कर ज़िंदा जला दिया, धनीराम अहिरवार 60% जल गये है, सरकार ख़बर को दबा रही है। pic.twitter.com/j3C094KPPh
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbhaABP) January 19, 2020
मध्य प्रदेश के सागर जिले के मुस्लिम बहुल अयोध्या बस्ती में रहने वाले अनुसूचित जाति के धनी अहिरवार को नमाजियों नें जिंदा जला दिया है व परिवार को पलायन करने की धमकी से रहे हैं।
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) January 18, 2020
जिस क्षेत्र में उनकी संख्या 20% से अधिक हो जाती है वहां हिंदुओं के जीने के अधिकार समाप्त होने लगते हैं।
अहिरवार को जिंदा जलाने की घटना को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ 2-3 लोगों को ही पकड़ा जाता है। इस तरह की दुखद और अमानवीय घटना में कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित सागर ने आरोपितों की शिकायत कर पुलिस से बचाने की गुहार भी लगाई थी। पुलिस ने अगर उसकी शिकायत पर कार्रवाई की होती तो आज उसकी यह हालत नहीं होती।