महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। इससे राज्य की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। पिछले कुछ हफ्तों से प्रदेश में हर दिन 50,000 से अधिक संक्रमितों के नए मामले सामने आ रहे हैं। महामारी से निपटने के महाविकास आघाड़ी सरकार की अक्षम कोशिशों के कारण स्थितियाँ गंभीर हो गई हैं। चाहे वह हाल ही में ऑक्सीजन पर टकराव की स्थिति हो या अस्पतालों का मामला हो। हर जगह तीन पैरों की सरकार ने अपनी अक्षमता का ही प्रदर्शन किया है।
महाराष्ट्र में बीते कुछ महीनों के दौरान अस्पतालों में हादसे के कई मामले सामने आए हैं। ऐसी ही 4 घटनाओं की लिस्ट नीचे है।
विरार: कोविड केयर अस्पताल में आग से 13 मौतें
शुक्रवार (23 अप्रैल 2021) की रात मुंबई के विरार पश्चिम स्थित विजय वल्लभ कोविड केयर अस्पताल के ICU लगी भीषण आग में कम से कम 13 मरीजों की जलकर मौत हो गई। जानकारी सामने आई थी कि कोरोना मरीजों की जहरीले धुएँ की वजह से मौत हुई। इस मामले में विजय वल्लभ अस्पताल के अधिकारी डॉ. दिलीप शाह ने कहा था, “आज सुबह लगभग 3 बजे गहन चिकित्सा इकाई में आग लगने से 13 लोगों की मौत हो गई है। गंभीर हालत वाले 21 मरीजों को दूसरे अस्पताल में भेज दिया गया है।”
रिपोर्ट के अनुसार, 3 बजे के बाद अस्पताल के आईसीयू में आग लगी थी, जहाँ 17 संक्रमितों की इलाज किया जा रहा था। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुँची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाया, लेकिन तब तक 13 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे को लेकर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक विवादास्पद बयान दिया और दावा किया कि विरार अस्पताल में आग एक राष्ट्रीय समाचार नहीं है।
#WATCH Virar fire incident, not national news…says Maharashtra Health Minister Rajesh Tope
— ANI (@ANI) April 23, 2021
13 people have lost their lives in a fire incident at Vijay Vallabh COVID care hospital in Maharashtra’s Virar pic.twitter.com/hNZEHIbnLp
टोपे ने कहा, “हम ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में बात करेंगे। हम रेमडेसिविर की कमी के बारे में बात करेंगे। हम इस घटना के बारे में भी बात करेंगे। हालाँकि, यह एक राष्ट्रीय समाचार नहीं है।”
नासिक: ऑक्सीजन लीक में 24 मरीजों की मौत
देशभर में अस्पताल और कोविड केयर सेंटर मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान जा रही है। जीवनरक्षक ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच महाराष्ट्र के नासिक स्थित डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल में टैकर से ऑक्सीजन सप्लाई के दौरान हुए लीकेज से 24 मरीजों की मौत हो गई थी। बता दें की लीकेज के कारण अस्पताल में करीब 30 मिनट तक O2 की सप्लाई बाधित थी।
Oxygen Tank Leaked at Nashik Hospital. pic.twitter.com/R5OuBwwMrX
— Shivangi Thakur (@thakur_shivangi) April 21, 2021
भांडुप मॉल में आग लगने से 10 की मौत
पिछले महीने मुंबई के भांडुप इलाके में एक मॉल में भीषण आग लग गई थी, जिसके टॉप फ्लोर पर सनराइज हॉस्पिटल का कोविड अस्पताल था। जिस समय आग लगी, उस दौरान 76 COVID-19 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। इस दौरान कथित तौर पर 10 लोगों की मौत हो गई थी।
सीएनएन न्यूज 18 को ड्रीम मॉल के मिले दस्तावेजों के मुताबिक मॉल में अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया गया था। इससे पहले, बीएमसी ने अग्नि सुरक्षा मानदंडों को लेकर मुंबई के मॉल्स पर एक आकलन किया था, और ड्रीम मॉल उन 29 मॉलों में से एक था, जिन्हें असुरक्षित घोषित किया गया था, क्योंकि ये फायर सेफ्टी नॉर्म्स को पूरा नहीं करते थे।
भंडारा में 10 शिशुओं की जलकर हुई थी मौत
महाराष्ट्र में विदर्भ के अंतर्गत आने वाले भंडारा जिले के एक अस्पताल के सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में आग लगने से 1 से 2 महीने के 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। यूनिट में कुल सत्रह बच्चे थे, लेकिन उनमें से केवल सात को बचाया जा सका था। ज्यादातर नवजातों की मौत दम घुटने के कारण हुई थी। एक बच्चे को गंभीर चोटें आई थीं और दो अन्य को मामूली चोटें आई थीं। घटना के बाद अस्पताल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि ज्यादातर की मौत धुआँ निगलने के कारण हुई थी।
Ten children died in a fire that broke out at Sick Newborn Care Unit (SNCU) of Bhandara District General Hospital at 2 am today. Seven children were rescued from the unit: Pramod Khandate, Civil Surgeon, Bhandara, Maharashtra pic.twitter.com/bTokrNQ28t
— ANI (@ANI) January 9, 2021
सरकार को जवाब देना चाहिए कि इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा
महाराष्ट्र में बीते 4 महीनों में अस्पतालों में आग लगने और लीक की 4 घटनाएँ हुई हैं। इन घटनाओं में जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें मरने वाले अधिकतर कोरोना मरीज थे। सरकार से यह सवाल किए जाने की आवश्यकता है कि आखिर इन घटनाओं में होने वाली मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है।