पैगंबर मुहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर टीवी पत्रकार नविका कुमार के खिलाफ महाराष्ट्र में एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अमीरोद्दीन जफ्फियोद्दीन फारूके की शिकायत पर महाराष्ट्र के परभणी जिले के नानलपेट पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में नविका कुमार के साथ साथ नुपूर शर्मा का भी नाम है। शिकायतकर्ता ने नविका कुमार पर जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है। फारूके ने कहा है कि 25 मई की रात नौ बजे जब नविका कुमार अपने प्राइम टाइम शो ‘द न्यूज ऑवर’ को होस्ट कर रही थीं, तब नूपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपशब्द कहे थे, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएँ आहत हुईं।
वहीं बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन और उनकी गिरफ्तारी के लिए दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अबू सोहेल और एडवोकेट चाँद कुरैशी की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि नूपुर का बयान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 26 और 29 का उल्लंघन है। पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ उनके नफरती बयान के कारण मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची है। ऐसे में संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिया जाए कि वह तत्काल नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन ले और उन्हें गिरफ्तार करें।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नेशनल चैनल पर अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए नूपुर शर्मा ने इस्लाम धर्म का अपमान किया। पूरे देश की शांति बिगाड़ दी है। उनका इस तरह से नफरत फैलाना दंडनीय अपराध है। याचिका के अनुसार, शर्मा के अपशब्दों की वजह से देश और दुनिया में हंगामा खड़ा हो गया है।
गौरतलब है कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित टिप्पणी पर विवाद बढ़ने और मुस्लिम देशों के विरोध को देखते हुए बीजेपी ने 5 जून को नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था। साथ ही दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी निष्कासित कर दिया था। नूपुर शर्मा ने दावा किया है कि पैगंबर मुहम्मद के बारे में उनकी टिप्पणी ‘भगवान शिव का अपमान’ किए जाने की प्रतिक्रिया के रूप में थी, क्योंकि वह इसे बर्दाश्त नहीं कर सकीं। पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद उन्होंने इसके लिए माफी भी माँगी थी। इसके बावजूद कट्टरपंथी लोगों द्वारा उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पूर्व बीजेपी प्रवक्ता के खिलाफ मुंबई, हैदराबाद और पुणे में धार्मिक भावनाएँ भड़काने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं।