कर्नाटक के दक्षिणी मंगलुरु पुलिस ने इलाके के विभिन्न हिंदू मंदिरों की दान पेटियों और परिसरों में इस्तेमाल किए गए कंडोम को फेंकने के आरोप में जॉन देसाई के बेटे देवदास देसाई (62) नाम के एक ईसाई व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस तरह की बार-बार अभद्रता करने वाले आरोपी को पिछले एक साल से पुलिस तलाश कर रही थी और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर ने में सफलता हासिल कर ली।
मंगलुरु में कम-से-कम पांच मंदिरों ने परिसर में इस्तेमाल किए गए कंडोम मिलने पर इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। हालाँकि, पुलिस आरोपी का पता नहीं लगा पाई, लेकिन 27 दिसंबर को कोरज्जाना कट्टे गाँव के एक मंदिर की दान पेटी में इस्तेमाल किया हुआ कंडोम मिलने के बाद उस व्यक्ति को पकड़ लिया गया। इस घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मंदिर और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज की जाँच की जिसमें वह व्यक्ति दान पेटी में कुछ गिराने के बाद वहाँ से जाते हुए देखा गया।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया और पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि इसी तरह से उसने कई मंदिरों को अपवित्र किया था। हालाँकि, मामला सिर्फ पाँच मंदिरों के संबंध में ही दर्ज हैं, लेकिन आरोपी ने बताया कि उसने कुल 18 जगहों को अपवित्र किया है। देसाई ने केवल हिंदू धार्मिक स्थलों को ही नहीं, बल्कि गुरुद्वारों और मस्जिदों सहित अन्य पवित्र स्थानों को भी अपवित्र किया था।
मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन शशिकुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस टीम आरोपी को पकड़ने में कामयाब रही। आरोपी की पहचान हुबली के उनकल के मूल निवासी देवदास देसाई के रूप में हुई है, जो पिछले 20 सालों से मंगलुरु में रह रहा है। आरोपी ऑटो चालक का काम करता था, लेकिन अपनी उम्र के कारण उसने यह काम छोड़ दिया और और आजीविका चलाने के लिए प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे कबाड़ में बेचने का काम करता है।
कमिश्नर शशिकुमार ने कहा, “अपने पिता के दिनों से ही उसका पूरा परिवार ईसाई धर्म का पालन कर रहा है। उसने कई साल पहले अपनी पत्नी और बच्चे को छोड़ दिया है और अब उनके संपर्क में नहीं है। वह एक कट्टर ईसाई है।” पुलिस ने कहा कि देसाई ने लोगों को अपने धर्म का पालन कराने के लिए दूसरे धर्मों के धर्मस्थलों को अपवित्र किया।
शशिकुमार ने बताया, “आरोपी ने गुरुद्वारों के साथ-साथ क्षेत्र की मस्जिदों में भी इस्तेमाल किए गए कंडोम फेंके थे। उसने उन सारी जगहों के बारे में जानकारी दी, जहाँ उसने ऐसी हरकतें की हैं। पूछे जाने पर कि उसे सभी स्थान याद कैसे हैं, उसने कहा कि वह 15 वर्षों तक ऑटो चालक के रूप में काम किया है और वह सभी स्थानों से अच्छी तरह वाकिफ है। वह इस्तेमाल किए गए कंडोम को कचरे के ढेर से इकट्ठा करता था।” कमिश्नर ने बताया कि आरोपी के घर से अन्य धर्मों के खिलाफ कुछ लेख भी मिले हैं।
मीडिया से बात करते हुए आरोपी ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि वह यीशु का संदेश फैलाने के लिए ऐसा कर रहा था। उसने कहा, “मैं पिछले 15 वर्षों से यीशु के संदेश का प्रसार कर रहा हूँ। बाइबल कहती है कि यीशु के अलावा और कोई ईश्वर नहीं है। मैं कंडोम इसलिए फेंकता था, क्योंकि अशुद्ध चीजों को अपवित्र स्थानों पर ही फेेंकना चाहिए। मुझे कोई पछतावा नहीं है। गॉड ने हमें 70 साल का जीवन दिया है और मैं पहले से ही 62 साल का हूँ।”
इस्तेमाल किए गए कंडोम के अलावा देसाई भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले पत्र और नेताओं की विकृत तस्वीरों को भी दान पेटी में डाल देता था। पुलिस ने पाया है कि आरोपी मानसिक रूप से बीमार नहीं है। वह पढ़ और लिख सकता है और पूछे गए सभी सवालों के जवाब देता है। इससे स्पष्ट होता है कि वह मंदिरों को जानबूझकर अपवित्र कर रहा था।
गौरतलब है कि इस साल जनवरी में मेंगलुरु में उल्लाल के पास कोरगज्जा गुलिगाजा दैवस्थानम की हुंडी से ईसाई संदेशों के साथ तत्कालीन सीएम बीएस येदियुरप्पा और उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र की विकृत छवियों के साथ इस्तेमाल किए गए कंडोम और पोस्टर मिले थे। पोस्टरों में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं की विकृत तस्वीरें भी मिलीं। अब इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि इस घटना के पीछे देवदास देसाई का हाथ था।