मणिपुर में महिलाओं के नग्न परेड का जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें दिखी एक पीड़िता रिटायर सैन्यकर्मी की पत्नी हैं। यह जोड़ा अभी चुराचांदपुर (Churachandpur) के एक राहत कैंप में शरण लिए हुए हैं। 4 मई 2023 की घटना के बाद से पीड़िता सदमे में है। पति इस पीड़ा के साथ जी रहे हैं कि उस भीड़ से अपनी पत्नी की इज्जत नहीं बचा पाए।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस जोड़े से बातचीत की है। 42 वर्षीय पीड़िता ने बताया है कि उस दिन सैकड़ों की भीड़ ने उन्हें और एक अन्य महिला को बंदू की नोक पर कपड़े उतारने को मजबूर किया। नंगा नहीं होने पर हत्या की धमकी दी। भीड़ ने नंगा कर उन्हें नचाया। उनके साथ धक्का-मुक्की की। उनकी परेड कराई। पीड़िता के मुताबिक वह भीड़ जंगली जानवरों की तरह महिलाओं को नोंच रही थी।
इस पीड़िता के 65 वर्षीय पति भारतीय सेना में सूबेदार के पद से रिटायर हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था। रिटायर सैन्यकर्मी ने अखबार को बताया है, “मेरी पत्नी डिप्रेशन में चली गई है। हमारे बच्चों की देखभाल के साथ वह सामान्य स्थिति में आने के लिए संघर्ष कर रही है।” 3 और 4 मई की घटना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंने युद्ध देखा है। करागिल में मोर्चे पर लड़ाई की है। लेकिन जब रिटायर होकर अपने घर आ चुका हूँ तो यह जगह मुझे जंग के मैदान से भी अधिक खतरनाक लग रही है।
उन्होंने बताया कि 4 मई को उनके गाँव में घुसी भीड़ ने घरोंं को आग के हवाले करना शुरू किया। ग्रामीण जान बचाने के लिए भाग खड़े हो गए। इस दौरान उनकी पत्नी उनसे अलग हो गई। उनकी पत्नी और चार अन्य ग्रामीण जंगल में एक पेड़ के पीछे छिपे थे। कुछ हमलावर जो ग्रामीणों के बकरियों, सूअरों और मुर्गियों का पीछा कर रहे थे, वे भी जंगल में घुस गए। इन्हीं लोगों ने उनकी पत्नी और वहाँ छिपे अन्य ग्रामीणों को पकड़ा था।
रिटायर सैन्य कर्मी ने बताया, “मैंने भीड़ को अपनी पत्नी और अन्य चार लोगों को ले जाते देखा। तीन महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। एक महिला जिसकी गोद में एक बच्चा था, उसे बाद में छोड़ दिया। भीड़ में शामिल कुछ लोग उसे जानते थे। भीड़ दूसरी छोटी महिला के साथ छेड़छाड़ कर रही थी। जब उसके पिता और छोटे भाई ने बचाने की कोशिश की तो उनकी हत्या कर दी गई।”
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ दरिंदगी का जो वीडियो वायरल हुआ था उसमें दो महिलाओं का नग्न परेड करवा रही भीड़ उन्हें खींचकर खेतों की तरफ ले जाती दिखाई पड़ रही है। इस घटना को लेकर 18 मई को दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक तीन महिलाओं के साथ भीड़ ने दरिंदगी की थी। इन्हें पुलिस की कस्टडी से छीनकर ले जाया गया था। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस वीडियो को शेयर होने से रोकने के निर्देश दिए हैं।
इस घटना की शिकायत में पीड़िताओं ने बताया है कि 4 मई 2023 को उनके गाँव पर लगभग 800 से 1000 हमलावरों की भीड़ ने हमला किया था। भीड़ के पास इंसास और AK सीरीज की रायफलें जैसे घातक हथियार थे। इनसे बचने के लिए 3 महिलाओं सहित गाँव के 5 लोग जंगल की तरफ भाग गए। मौके पर पहुँची पुलिस ने इन सभी को बचा लिया और साथ लेकर थाने आने लगी। रास्ते में भीड़ ने पुलिस बल को रोक कर पीड़ितों को कस्टडी से छीन लिया।
आरोप है कि हिंसक भीड़ ने पहले 20 वर्षीय पीड़िता के पिता की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों महिलाओ को कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। जब एक पीड़िता के भाई ने इसका विरोध किया तो भीड़ ने उसकी हत्या कर दी। बाद में इन सभी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। गैंगरेप के बाद तीनों महिलाएँ जैसे-तैसे वहाँ से निकल पाईं। फिलहाल तीनों पीड़िताएँ एक राहत कैम्प में हैं।