पटना के बेउर जेल से रिहा होने के बाद यूट्यूबर मनीष कश्यप अपने काफिले के साथ ‘माउंटैन मैन’ के नाम से विख्यात दशरथ माँझी की कर्मभूमि गहलौर पहुँचे। इस काफिले में दर्जनों कारें शामिल रही। मनीष कश्यप के गहलौर पहुँचने की सूचना पर भारी संख्या में युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मनीष कश्यप के समर्थन में युवाओं ने जमकर नारेबाजी की। दशरथ माँझी की कर्मभूमि गहलौर में मनीष कश्यप ने हुँकार लगाई, “भ्रष्टाचार के पहाड़ को जब-तक तोड़ेंगे नहीं…तब-तक छोड़ेंगे नहीं।”
गया के गहलौर पहुँचे मनीष कश्यप ने सबसे पहले दशरथ माँझी की समाधि स्थल पर पहुँचकर माल्यार्पण किया। इसके बाद दशरथ माँझी के पुत्र भागीरथ माँझी के पैर छुए और कहा, “दशरथ माँझी कभी कहते थे, ‘जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।’ आज हम कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार के पहाड़ के जब तक हम तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।” इस दौरान उन्होंने दशरथ माँझी के लिए भारत रत्न की माँग की।
बता दें कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित जुल्म पर वीडियो बनाने वाले बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप शनिवार (23 दिसंबर 2023) को पटना के बेऊर जेल से बाहर आए। जेल से बाहर आते ही समर्थकों ने उन्हें माला पहनाई और उन्हें कंधे पर उठा लिया। इसके बाद ओपन जीप में उनका काफिला निकला।
रिहाई के दौरान बेउर जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था क्योंकि उनके समर्थकों का एक बड़ा समूह उनकी अगवानी के लिए पहुँचा था। जेल से निकल उन्होंने कहा, “मैं जेल में कालापानी की सजा काटकर आया हूँ। आगे भी पत्रकारिता करते रहूँगा। अगर मैं डरा तो ये समझेंगे कि हमने एक पत्रकार को डरा दिया।”
सभी मामलों में मिली जमानत
बताते चलें कि यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को सभी मामलों में जमानत मिल गई है। दो दिन पहले 20 दिसंबर 2023 को अंतिम मामले में उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके बाद मनीष कश्यप को जेल से रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
मनीष कश्यप के दोस्त ने मणि द्विवेदी ने कहा था कि मनीष के ऊपर तमिलनाडु में दर्ज सारे मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। अब पटना के सिविल कोर्ट से भी सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। मणि ने कहा कि बेतिया कोर्ट से भी उन्हें बेल मिल चुका था। एक मामला पटना हाईकोर्ट में लंबित था, उसमें भी 20 दिसंबर 2023 जमानत मिल गई।
वीडियो बनाने पर हुई थी कार्रवाई
गौरतलब है कि मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी पर मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी थी। इस दौरान उनके घर की कुर्की-जब्ती भी की गई थी। कुर्की-जब्ती की कार्रवाई के दौरान ही उन्होंने 18 मार्च 2023 को सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उन्हें तमिलनाडु पुलिस अपने साथ लेकर चली गई।
दरअसल, मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का कथित फर्जी वीडियो शेयर किया था। इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज किया था।
वहीं, तमिलनाडु पुलिस ने कुल 13 केस दर्ज किया था। इनमें 6 मामले में मनीष कश्यप नामजद आरोपित बनाए गए। इसको लेकर तमिलनाडु पुलिस ने 6 अप्रैल 2023 को यूट्यूबर कश्यप पर NSA लगाया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर काफी विरोध हुआ था और लोगों ने इसे राजनीतिक दमन बताया था। बाद में कोर्ट ने NSA से हटा दिया था।