पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध का समर्थन करने वाले बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी को जुबान काटने की धमकी मिली है। मौलाना ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि धमकी भरा कॉल गुरुवार (29 सितंबर 2022) को किया गया था। फोन करने वाले ने उन्हें पीएफआई का विरोध करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मौलाना को धमकी देने वाले ने अपना नाम अब्दुल समद बताया। यह भी बताया कि वह दिल्ली के शाहीन बाग का रहने वाला है। उसने मौलाना से कहा, “ज्यादा बोल रहे हो। बोलना कम कर दो, नहीं तो जबान काट दी जाएगी।”
मौलाना ने अपने ट्वीट में कहा है, “PFI की कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर आज (गुरुवार) दोपहर मुझे एक फोन आया। मुझे जान से मारने की धमकी दी गई। फोन करने वाले ने कहा- PFI के खिलाफ बोलना बंद कर दो मौलाना, वरना हम तुम्हारा वजूद खत्म कर देंगे।” बरेली पुलिस ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा है कि मामले की जाँच की जा रही है।
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी, दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष भी हैं। उनका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें धमकी मिलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि वे खामोश बैठने वालों में से नहीं हैं। वे गीदड़ भभकियों से डरने वाले नहीं हैं।
संदर्भित प्रकरण के संबंध में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष से प्रार्थना पत्र प्राप्त कर अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी तथा सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्राधिकारी एलआईयू से जांच कराकर विधिक कार्यवाही की जा रही है।
— Bareilly Police (@bareillypolice) September 29, 2022
मौलाना शहाबुद्दीन का यह भी कहना है कि जब उन्होंने राजस्थान के उदयपुर में हुई घटना (कन्हैयालाल हत्याकांड) पर फतवा जारी किया था, तब भी उन्हें धमकियाँ मिली थी। उन्होंने उस समय पुलिस-प्रशासन पर सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उस समय मिली धमकियों की जानकारी मैंने प्रशासनिक अधिकारियों को देते हुए सुरक्षा माँगी थी। लेकिन, किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं दी गई।
“PFI के ख़िलाफ़ बोलोगे तो मार दिए जाओगे।”
— Panchjanya (@epanchjanya) September 29, 2022
PFI के खिलाफ बोलने पर बरेलवी मौलाना
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी को कत्ल की धमकी। pic.twitter.com/9JGKpjJQkK
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने PFI पर बैन को मोदी सरकार का अच्छा कदम बताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर बैन लगाकर अच्छा कदम उठाया है। भारत की कट्टरपंथी विचारधारा की धरती नहीं है। इस देश की एकता और अखंडता पर संकट पैदा करने वाले संगठन पर प्रतिबंध लगाना उचित है।
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी और लालू यादव जैसे नेताओं ने PFI पर बैन को लेकर आपत्ति जताई है। केरल से कॉन्ग्रेस सांसद कोडिकुन्नील सुरेश ने भी इस फैसले का विरोध किया है। विरोध करने वालों में सपा सांसद शफीकुर्रहमान भी शामिल हैं।