उत्तर प्रदेश एँटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) इस्लामिक धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले मौलाना उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर धर्मांतरण कर इस्लाम अपनाने वालों को फंडिंग करने का आरोप है। वह अपने अब्बू उमर गौतम के अल फारुकी मस्जिद-मदरसा और इस्लामिक दावा सेंटर का कामकाज संभालता था।
ATS की टीम ने उसे गौतम बुद्ध नगर से गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल्ला सीधे तौर पर जहाँगीर आलम और कौसर से कॉन्टैक्ट में था। अब्दुल्ला भी उमर गौतम के धर्मान्तरण वाले सिंडिकेट से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। ATS ने अब्दुल्ला के बैंक खातों को खंगाला है, जिसमें 75 लाख रुपए की भारी-भरकम राशि पाई गई है। खास बात यह है कि इसमें से उसे 17 लाख रुपए विदेशों से मिले थे। अब जाँच एजेंसी बैंक खातों की डिटेल्स के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धर्मांतरित कराए गए लोग भी इस रैकेट में शामिल थे या नहीं।
ATS ने दावा किया है कि उमर गौतम को साथियों समेत अब तक करीब 57 करोड़ रुपए की फंडिंग विदेशों से हवाला और दूसरे तरीकों से की गई है।
अब तक 17 लोग गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में इस्लामी धर्मांतरण कराने के मामले में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम के बाद से ATS अब तक इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें मौलाना उमर गौतम, उसका बेटा अब्दुल्ला, मौलाना कलीम सिद्दीकी, रामेश्वरम कावड़े उर्फ आदम उर्फ एडम, भूप्रिय बन्दों उर्फ अर्सलान मुस्तफा, कौशर आलम, हाफिज इदरीस और जहाँगीर आलम आदि हैं।
गौरतलब है कि धर्मांतरण कराने के मामले में इसी साल जून में ATS ने मौलाना उमर गौतम और जहाँगीर आलम को गिरफ्तार किया था। खास बात ये है कि उमर गौतम खुद भी पहले हिंदू था और उसका असली नाम श्याम प्रताप सिंह था। जहाँगीर आलम और उमर गौतम एटीएस के सामने अब तक 1000 से अधिक लोगों का धर्मान्तरण कराने की बात कबूल कर चुके हैं। महिलाएँ, बच्चे और मूक-बधिर इनके लिए सॉफ्ट टारगेट थे।