Sunday, September 1, 2024
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सब इंस्पेक्टर था नुरुल इस्लाम, थाने में बुला 13 साल की बच्ची से किया रेप, फिर घर में घुस उसकी बहन को बनाया शिकार: उम्रकैद, ₹8 लाख जुर्माना

पीड़ित बच्चियों के पिता की शिकायत पर साल 2013 के केस में नुरुल इस्लाम को सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में उसको POCSO एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया।

मेघालय की एक स्पेशल कोर्ट ने बर्खास्त पुलिसकर्मी नुरुल इस्लाम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर आठ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस्लाम पर दो नाबालिग बहनों से रेप का आरोप था। इस घटना के सामने आने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था। सोमवार (28 मार्च 2022) को अदालत ने इस मामले में सजा सुनाई।

पीड़ित पक्ष के वकील ने नुरुल को कम से कम उम्रकैद की अपील अदालत से की थी। एलान ईस्ट खासी हिल्स कोर्ट के न्यायाधीश एफ एस संगमा ने उसे सज़ा सुनाई। रेप की यह घटना मार्च 2013 की है। उस समय सब इंस्पेक्टर नुरुल इस्लाम अमपति पुलिस स्टेशन में इंचार्ज था। यह थाना गारो हिल्स जिले में आता है। पीड़ित बच्चियों के पिता ने आरोप लगाया था कि नुरुल ने 13 मार्च 2013 को उनकी 13 साल की बच्ची को थाने में बुला कर दुष्कर्म किया। इसके बाद 31 मार्च 2013 को नुरुल ने पीड़िता के घर जा कर उसकी 17 वर्षीया बहन के साथ बंदूक की नोक पर रेप किया। उसने दोनों बहनों को मुँह खोलने पर फर्जी केस में फँसाने की धमकी भी दी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित बच्चियों के पिता की शिकायत पर साल 2013 के केस में नुरुल इस्लाम को सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में उसको POCSO एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। इस घटना के विरोध में मेघालय में प्रदर्शन भी हुए थे। भीड़ ने थाना घेर लिया था, तब नुरुल को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। इस दौरान वो पुलिस कस्टडी से भाग निकला। बाद में उसको फिर से गिरफ्तार किया गया। नुरुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।

NCPCR (राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग) ने भी मेघालय सरकार से इस मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की थी। NCPCR ने तब नुरुल को थाने के लॉकअप में रखने के बजाय आवासीय क्वार्टर में रखने और स्पेशल ट्रीटमेंट देने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार ने सब इंस्पेक्टर नुरुल इस्लाम को सितंबर 2013 में बर्खास्त कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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