केंद्र की मोदी सरकार ने 1984 के सिख दंगा पीड़ितों के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा की है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा गुरुवार (05 अगस्त 2021) को घोषित किए गए इस पैकेज में मृतकों के आश्रितों के लिए 3.50 लाख रुपए एवं घायलों के लिए 1.25 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा लोकसभा में जानकारी दी गई कि इस योजना में राज्य सरकारों द्वारा मृतकों की विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2,500 रुपए की मासिक पेंशन देने का भी प्रावधान किया गया है। मंत्रालय द्वारा बताया गया कि पेंशन पर आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
The scheme also contained a provision for State Govts to grant pension to widows & old aged parents of death victims at the uniform rate of Rs 2500/month, for whole life. The expenditure on payment of pension was to be borne by the State Govt: Ministry of Minority Affairs, in LS
— ANI (@ANI) August 5, 2021
लोकसभा में मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने की योजना शुरू की गई थी। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि बढ़ाई गई राहत राशि का भुगतान राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने फंड से करेंगे, बाद में गृह मंत्रालय द्वारा यूटिलाइजेशन रिसिप्ट के आधार पर उन्हें फंड जारी किया जाएगा।
For payment of enhanced ex-gratia amount, the States/UTs would disburse the money from their own funds and Ministry of Home Affairs would reimburse the amount to the concerned State/UT Government on receipt of utilization certificate: Ministry of Minority Affairs, in Lok Sabha
— ANI (@ANI) August 5, 2021
ज्ञात हो कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद राजधानी दिल्ली समेत देश के कई अन्य स्थानों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। कई दिनों तक चलने वाले इस नरसंहार में दिल्ली में ही लगभग 3,000 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा लगभग 50,000 सिख बेघर हो गए थे। सिखों के खिलाफ हुए इस क्रूर नरसंहार के बाद ही प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने कहा था, “जब बड़ा पेड़ गिरता है तो आसपास की जमीन हिलती है।”