शुक्रवार (अगस्त 14, 2020) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैलेंट्री अवॉर्ड का ऐलान किया। इसमें साल 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर में वीरगति प्राप्त हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का नाम भी है। उन्हें मरणोपरांत सातवीं बार वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा।
मोहन शर्मा के अलावा उनकी टीम के इंस्पेक्टर कैलाश सिंह बिष्ट (फिलहाल स्पेशल सेल में हैं), देवेंद्र मलिक और धर्मेंद्र समेत स्पेशल सेल के 6 बहादुरों को इस बार गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।
कुल मिलाकर देश के 215 पुलिसकर्मियों को (मरणोपरांत भी) गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए चुना गया है। वहीं 80 पुलिसकर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक और मेधावी सेवा के लिए 631 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।
Ministry of Home Affairs announces list of medal awardees to the police personnel on #IndependenceDay 2020. Total 215 personnel get Police Medal for Gallantry (PMG), 80 awarded with President’s police medal for distinguished service (PPM) & 631 for medal for meritorious service. pic.twitter.com/Fd4ay3tde5
— ANI (@ANI) August 14, 2020
सातवीं बार वीरता पदक से सम्मानित होने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा के बारे में याद दिला दें कि उन्होंने मात्र 44 वर्ष की आयु में अपने प्राण देश की सेवा में गॅंवाए थे।। उन्हें बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान 3 गोलियाँ लगी थीं, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में अपना दम तोड़ा था।
जानकारी के अनुसार, 19 सितंबर 2008 को मोहन शर्मा को यह सूचना मिली थी कि इंडिया मुजाहिद्दीन के 5 आतंकी बाटला हाउस के एक मकान में मौजूद हैं। इसके बाद पुलिस टीम सतर्क हो गई। मोहन शर्मा ने भी अपने डेंगू से पीड़ित बेटे को अस्पताल पहुँचाया और पूरी टीम का नेतृत्व करने बाटला हाउस पहुँचे।
आतंकियों के फ्लैट में घुसने पर मुठभेड़ शुरू हुई। इस मुठभेड़ में पुलिस ने दो आतंकियो को ढेर कर दिया। इसी दौरान मोहन शर्मा भी घायल हो गए। बाद में पुलिस ने दो अन्य आतंकियों को भागते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
मोहन शर्मा को तीन गोलियाँ लगी थीं। एक पेट में, एक जाँघ में और एक दाहिने हाथ में। अपने पूरे जीवन में 60 आतंकियों को मारने वाले और 200 से ज्यादा अपराधियों को पकड़ने वाले मोहन चंद शर्मा ने उस एनकाउंटर में घायल होने के बाद होली फैमिली अस्पताल में अपने प्राण त्याग दिए थे।
बता दें कि बाटला हाउस एनकाउंटर की नींव 13 सितंबर 2008 को राजधानी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद पड़ी थी जिसे इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था।
इस सीरियल बम ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। लेकिन, पुलिस कार्रवाई में जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ तो हर जगह यह फैलाया गया कि दिल्ली पुलिस ने छात्रों को आतंकी समझकर मार गिराया।
इस एनकाउंटर पर काफी विवाद हुआ था। कॉन्ग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने तो एक चुनाव प्रचार के दौरान यह भी कहा था कि जब उन्होंने बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीरें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को दिखाईं तो वह रो पड़ी। साथ ही तस्वीरों को देखकर यह भी कहा कि एनकाउंटर की जाँच होनी चाहिए।