मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडिया लिमिटेड (RIL) और रिलायंस फाउंडेशन भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान चल रहे राहत कार्यों में सर्वाधिक योगदान देने वाले औद्योगिक घरानों में से एक हैं।
IANS के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए जामनगर और मुंबई में RIL ने अब तक 1,875 बेड स्थापित किए हैं। भारत का पहला 100 बिस्तरों वाला कोविड केयर इलाज केंद्र भी मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह द्वारा अप्रैल 2020 में स्थापित किया गया था। इसके अलावा RIL ने मुंबई, सूरत और अन्य जगहों पर क्वारंटीन और आइसोलेशन सुविधा तैयार की है। रिलायंस फाउंडेशन ने मुंबई में हिन्दू हृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे ट्रामा केयर अस्पताल में 10 बिस्तरों वाला एक डायलिसिस सेंटर भी स्थापित किया है।
देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भी रिलायंस अग्रणी रूप से सहायता कर रहा है। RIL इस समय देश का सबसे बड़ा ऑक्सीजन उत्पादक है जो प्रतिदिन 1,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। यह भारत के कुल ऑक्सीजन उत्पादन का लगभग 11% है एवं इससे 100,000 मरीजों को रोजाना मुफ़्त में ऑक्सीजन मिल रही है। आयात पर निर्भरता कम करने के लिए रिलायंस समूह अपने औद्योगिक केंद्रों में 1 लाख पीपीई किट और मास्क का निर्माण कर रहा है।
दान की बात करें तो रिलायंस समूह पीएम केयर्स और अन्य सहायता फंड में अब तक 556 करोड़ रुपए दान कर चुका है। अपने अन्न सेवा मिशन के माध्यम से रिलायंस समूह ने 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 80 जिलों में 5.5 करोड़ खाद्य पैकेट मुहैया कराए हैं। रिलायंस द्वारा मई-जून 2021 तक 2 करोड़ खाद्य पैकेट मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है।
लाखों मास्क, पीपीई किट और कोविड अवेयरनेस बुकलेट के अलावा रिलायंस 18 राज्यों के 249 जिलों में कोविड सेवा में लगे 14,000 एम्बुलेंस और वाहनों को 5.5 लाख लीटर से अधिक मुफ़्त ईधन उपलब्ध करा चुका है।
रिलायंस के अतिरिक्त अन्य औद्योगिक समूह भी कर रहे सहायता :
रिलायंस के अतिरिक्त भी अन्य औद्योगिक समूह भी कोरोना वायरस संक्रमण के विरुद्ध इस लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो ने 1,125 करोड़ रुपए की सहायता दी है। इसके अलावा पुणे स्थित आईटी केंद्र को 450 बिस्तर वाले कोविड केयर अस्पताल में बदल दिया गया है। आईटी कंपनी इन्फोसिस ने भी 200 करोड़ रुपए का दान दिया है। साथ ही इन्फोसिस ने लगभग 1 मिलियन गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए 2.4 मिलियन खाद्य पैकेट्स की व्यवस्था भी की है और पुलिस और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए मास्क और सैनिटाइजर का प्रबंध भी किया है।
वेदांता समूह ने भी 201 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की है जिसमें से 101 करोड़ रुपए पीएम केयर्स फंड को और शेष राशि फ्रंटलाइन वर्कर्स, दिहाड़ी मजदूरों और व्यापारिक सहयोगियों के कर्मचारियों को सहायता के रूप में दिए जाएँगे। इसके अलावा वेदांता ने ‘मील्स फॉर ऑल’ स्कीम भी लॉन्च की है जिसके अंतर्गत लाखों दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों को मुफ़्त में भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
फार्मास्युटिकल कंपनी सिपला ने भी 25 करोड़ रुपए का योगदान दिया है। इसमें से 9 करोड़ रुपए पीएम केयर्स फंड में दिए गए गए हैं। शेष राशि से डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए ग्लव्स, मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सिपला प्रवासी मजदूरों के लिए भी आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पैकेटों और राशन किट की व्यवस्था कर रहा है।