Tuesday, November 5, 2024
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सपा सांसद हाथ जोड़ घिघिया रहे थे… मुख्तार अंसारी पत्रकार को मार रहा था: ओसामा बिन लादेन मानते थे उसके गुर्गे, था वो गोतस्कर

"तत्कालीन समाजवादी पार्टी सांसद चंद्रदेव राजभर और सपा के ही जिला पंचायत अध्यक्ष रामभवन हाथ जोड़ कर घिघियाये कि पत्रकार को छोड़ दो पर मुख़्तार नहीं माना। वहीं बगल में SP ऑफिस और कोतवाली थी। जब मुख़्तार द्वारका को पीट कर अघा गया, तब उन्हें छोड़ा।"

कभी उत्तर प्रदेश के अपराध जगत का सबसे बड़ा नाम लेकिन सफेदपोश माफिया मुख़्तार अंसारी फिलहाल जेल की सजा काट रहा है। उसे सजा हुई है भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में। 44 सालों का आपराधिक इतिहास और उम्र के लगभग बराबर केसों में नामजद इस माफिया की तमाम सुनी-अनसुनी बातों की पड़ताल करने हम अप्रैल के अंतिम व मई के पहले सप्ताह में गाजीपुर, मऊ, चंदौली और वाराणसी जिलों में रहे।

इस दौरान मऊ के स्थानीय निवासी और भाजपा नेता गणेश सिंह ने हमें मुख़्तार अंसारी का एक ऐसा वाकया सुनाया, जिसमें उसके द्वारा पत्रकारों पर जुल्म किया गया था। गणेश सिंह ने इसी बातचीत में मुख़्तार अंसारी के दयावान, धर्मनिरपेक्ष और गरीबों का मसीहा आदि होने की वामपंथी मीडिया के दावों की पोल भी खोली।

मुख्तार ही मऊ दंगों का गुनहगार

2005 दंगों में मुख़्तार की भूमिका पर किए गए सवाल के जवाब में गणेश सिंह ने मुख़्तार अंसारी को ही दंगों का मुख्य गुनहगार बताया। गणेश सिंह ने कहा, “पहले भी मऊ में दंगे हुए थे लेकिन 2005 का दंगा उसी (मुख़्तार अंसारी) की ही वजह से हुआ था। तब मऊ के मुसलमानों को लगा था कि ये एक बड़ा मसीहा है। ये उत्तर प्रदेश और मऊ के लिए ओसामा बिन लादेन बन कर आया है।”

मऊ दंगों के दौरान मुख़्तार अंसारी के जिप्सी पर बैठ कर गोली चलाने के वीडियो को गणेश सिंह ने तत्कालीन प्रशासन के लिए खुली चुनौती बताया।

गो तस्करी करवाता था मुख़्तार

मुख़्तार अंसारी को धर्मनिरपेक्ष छवि का आदमी बताने वाली कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को गणेश सिंह ने हास्यास्पद बताया। उनके अनुसार मुख़्तार अंसारी गोतस्करी का संरक्षक था। उन्होंने बताया कि मांस की बिक्री मऊ और मुख़्तार अंसारी के गृह क्षेत्र गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से हुआ करती थी।

पत्रकारों को भी पीटा था बेरहमी से

एक अन्य वाकये का जिक्र करते हुए गणेश सिंह ने बताया कि मुख़्तार अंसारी के कहर के शिकार पत्रकार भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि PWD ऑफिस में उसके द्वारा हुई ठेकेदारों की पिटाई का वीडियो बना रहे पत्रकारों को राइफल की बट से पीटा गया था। उदहारण के लिए गणेश सिंह ने पत्रकार द्वारका गुप्ता का नाम लिया। बकौल गणेश सिंह पत्रकार द्वारका गुप्ता अब इस दुनिया में नहीं हैं।

उन्होंने बताया, “पत्रकार द्वारका ने हिम्मत करके उसका (मुख़्तार) का हाथ पकड़ लिया था। इसके बाद मुख़्तार ने 24 घंटे तक द्वारका गुप्ता को बंधक बनाए रखा। इस दौरान तत्कालीन समाजवादी पार्टी सांसद चंद्रदेव राजभर और सपा के ही जिला पंचायत अध्यक्ष रामभवन होटल माधव में 24 घंटे तक हाथ जोड़ कर घिघियाये कि पत्रकार को छोड़ दो पर मुख़्तार नहीं माना। वहीं बगल में SP ऑफिस और कोतवाली थी। जब मुख़्तार द्वारका को पीट कर अघा गया, तब उन्हें छोड़ा।”

मुख़्तार अंसारी समाजसेवक नहीं, लूटेरा था

कुछ वामपंथी मीडिया संस्थानों द्वारा मुख़्तार अंसारी को लेकर छापी और दिखाई जाने वाली गरीबों की मदद जैसी खबरों को स्थानीय निवासी गणेश सिंह ने निराधार बताया।

गणेश सिंह ने बताया कि मुख़्तार ने सिर्फ अपने अपराध में शामिल साथियों की मदद की है, जिसे कुछ मीडिया वालों ने समाज की मदद के तौर पर दिखाने का प्रयास किया है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। बकौल गणेश सिंह मुख़्तार अंसारी का काम केवल गरीबों की जमीनों को लूटना और टेंडर आदि क़ब्ज़ाना था।

अब्बास की गिरफ्तारी पर बँटी थीं मिठाईयाँ

गणेश सिंह ने मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को भी अपने अब्बा के नक्शे कदम पर चलने वाला बताया। उन्होंने दावा किया कि चित्रकूट जेल में अब्बास और उसकी बीवी की गिरफ्तारी के बाद मऊ जिले में कई लोगों ने मिठाइयाँ बाँट कर ख़ुशियाँ मनाई थीं।

6 महीने में अधिकारियों का हिसाब-किताब वाली बात को गणेश सिंह ने समाजवादी पार्टी पार्टी के सत्ता में आने की संभावना के चलते बोला जाना बताया। गणेश सिंह ने यह भी बताया कि सपा सरकार में मुख़्तार अंसारी जेल से ही अपना साम्राज्य चलाया करता था और वहीं से सारे अवैध काम करता था।

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के कुकर्मों का चिट्ठा खोलने ऑपइंडिया के पत्रकार राहुल पांडेय कई दिनों ग्राउंड पर थे। वहाँ उन्होंने मुख्तार के खौफ की कई कहानियाँ दंगों के चश्मदीदों से जानीं। इस दौरान यह भी पता चला कि कैसे मुख्तार के डर से पुलिस सूअर पकड़ने पानी में घुस जाती थी मगर अपराधी पकड़ने नहीं जाती थी। इसी के साथ उसके अपराध करने के बाद थाने से फाइलों को भी गायब कराने के भी खुलासे हुए हैं। आप लिंक पर क्लिक करके उनकी रिपोर्ट पढ़ सकते हैं।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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