जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा के विरोध में मुम्बई स्थिति गेटवे ऑफ इंडिया के बाहर सोमवार को रात भर प्रदर्शन किया गया। पुलिस का कहना है कि अब प्रदर्शनकारियों को गेटवे ऑफ इंडिया से हटाकर आजाद मैदान भेज दिया गया है। बता दें कि रविवार आधी रात को दक्षिण मुम्बई के कोलाबा में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने छात्रों और महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। बाद में अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर और विशाल ददलानी जैसी बॉलीवुड हस्तियाँ भी यहाँ पहुँचीं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘फ्री कश्मीर’ लिखे पोस्टर भी लहराए।
Sangramsingh Nishandar, DCP (Zone 1) on protesters(protesting against #JNUViolence) evicted from Gateway of India: Roads were getting blocked and common Mumbaikar and tourists were facing problems. We had appealed to protesters many times,have now relocated them to Azad Maidan pic.twitter.com/aW0gWlKGZj
— ANI (@ANI) January 7, 2020
इस बारे में बात करते हुए डीसीपी संग्रामसिंह निशंदर ने कहा कि इन प्रदर्शनकारियों की वजह से सड़कें अवरुद्ध हो रही थीं और आम लोगों एवं पर्यटकों को परेशानी हो रही थी। उन्होंने कहा, “हमने प्रदर्शनकारियों से बाहर निकलने के लिए कई बार अपील की थी। हमने अब उन्हें आजाद मैदान में स्थानांतरित कर दिया है।”
Mumbai: Protesters(protesting against #JNUViolence) at Gateway of India evicted by Police and relocated to Azad Maidan. (earlier visuals) pic.twitter.com/llYz0OAfYD
— ANI (@ANI) January 7, 2020
डीसीपी संग्रामसिंह के बयान का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाया नहीं है, बल्कि सिर्फ रीलोकेट किया है। क्योंकि वहाँ पर शौचालय और पानी की बेहतर व्यवस्था है, जबकि गेटवे ऑफ इंडिया के पास ऐसी कोई सुविधा नहीं थी।
LOL! Mumbai police wallah trolls “Azadi protesters”. Says Azad Maidan has better toilets so we shifted them there ??? pic.twitter.com/0YMfJyJlvX
— iMac_too (@iMac_too) January 7, 2020
आपको बता दें कि इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने गेटवे ऑफ इंडिया से सटे ताज पैलेस होटल के वॉशरुम इस्तेमाल नहीं करने देने पर सवाल दागे थे। सोनिया मरियम नाम की महिला ने ताज होटल को ट्वीट करके प्रदर्शनकारियों को वॉशरूम इस्तेमाल न करने देने का कारण पूछा था।
It is a human right to be able to use a washroom and ask for water from an establishment. Not all public restrooms are sanitary and will cause more harm than help.
— Sonia Mariam Thomas (@SoKneeOh) January 6, 2020
उन्होंने ताज होटल को टैग करते हुए पूछा, “क्या कोई कारण है कि आप प्रदर्शनकारियों को वॉशरूम का उपयोग नहीं करने दे रहे हैं? इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का क्या मतलब है?” इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में वो ‘मानवाधिकार’ की बात करती नजर आईं। उन्होंने लिखा, “वाशरूम का उपयोग करने और एक प्रतिष्ठान से पानी माँगना मानवीय अधिकार है। सभी सार्वजनिक टॉयलेट में सैनिटरी सुविधा नहीं होती है, इससे मदद के बजाय नुकसान ही होता है।”
Protesting on roads in sun , rain , watever ! But you need Taj for washrooms ?? And calling it discrimination ?? ? Laughable !!
— A warrior ???? (@ankitasood13) January 6, 2020
ताज होटल से इस तरह की माँग करना मूर्खतापूर्ण होने के साथ ही हास्यास्पद भी लगता है। एक यूजर ने तो इस प्रतिक्रिया देते हुए लिख भी दिया कि प्रदर्शन तो रोड पर होते हैं, फिर चाहे धूप हो, बारिश हो, या फिर कुछ और… लेकिन इनको वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए ताज चाहिए… और ये भेदभाव की बात करते हैं… हास्यास्पद।
Tomorrow you will say you have a right to relax for a while before getting on the protest again, and hence ask for a room, coffee and a shower access as well from Taj, would suggest u start another protest for these rights as well ??
— Heman Bhimani (@BhimaniHeman) January 6, 2020
वहीं एक यूजर ने लिखा, “कल को आप कहेंगे कि आपको फिर से विरोध प्रदर्शन पर उतरने से पहले थोड़ी देर के लिए आराम करने का अधिकार है, और इसलिए ताज से कमरे, कॉफी और शॉवर का उपयोग करने देने के लिए कहा जाए। इसके बाद आप इन अधिकारों के लिए भी एक और विरोध प्रदर्शन शुरू करने का सुझाव देंगे।”
गौरतलब है कि रविवार की शाम को हॉकी स्टिक और लोहे की छड़ों लैस नकाबपोश गुंडों ने दिल्ली के जेएनयू कैंपस में धावा बोला और हॉस्टल के छात्रों को निशाना बनाया। लाठी, पत्थरों और लोहे की छड़ों के साथ गुंडों ने हाथापाई, मारपीट और खिड़कियों, फर्नीचर सामानों की तोड़फोड़ की। उन्होंने एक महिला छात्रावास पर भी हमला किया। इस दौरान हिंसा में कम से कम 34 लोग घायल हुए।
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