Friday, April 25, 2025
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JNU हमला 26/11 की तरह, गुंडों को आतंकवादी बोला जाए: ठाकरे पिता-पुत्र ने चली कॉन्ग्रेस की चाल

"जो कुछ हुआ, वह कुछ ऐसा था, जिसे हम 26/11 के बाद देख रहे हैं। सभी को पता होना चाहिए कि नकाब के पीछे कौन थे। आज के युवाओं को विश्वास में लेने की जरूरत है। युवा आज आत्मविश्वास खो रहा है।"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू में हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पूरे वाकये को 26/11 मुंबई हमले की तरह बताया है। उद्धव का कहना है कि रविवार (कल) को जो कुछ हुआ, वह कुछ ऐसा था, जिसे हम 26/11 के बाद देख रहे हैं। सभी को पता होना चाहिए कि नकाब के पीछे कौन थे। आज के युवाओं को विश्वास में लेने की जरूरत है। युवा आज आत्मविश्वास खो रहा है।

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मीडिया से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “देश के छात्रों में भय का माहौल है। हम सभी को एक साथ आने की जरूरत है और छात्रों में आत्मविश्वास पैदा किए जाने की जरूरत है।”

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी इस पर अपना बयान दिया है और नकाबपोशों को आतंकवादी कहने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इन हमलों की वजह से देश की छवि पूरी दुनिया में खराब हो रही है। इन गुंडों को आंतकवादी कहना चाहिए, क्योंकि वे भी मुँह छिपाकर ही आते हैं। इस पर तय समय के अंदर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना विदेश के छात्र यहाँ पढ़ने नहीं आएँगे।

इधर, महाराष्ट्र के लोक निर्माण और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी और उद्धव ठाकरे से मिलता-जुलता बयान दिया। अशोक चव्हाण ने कहा कि 26/11 को जो हुआ था, वो आतंकवाद था। लेकिन जेएनयू में जो हुआ, वो आतंकित करने की कोशिश थी। उनके अनुसार 26/11 के आतंकवादी बाहर से आए थे और कल वाले यहाँ के रहने वाले हैं और आतंक फैला रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इस घटना के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोलने का प्रयास किया है। इसी कड़ी में कॉन्ग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बयान दिया हैं। सोनिया गाँधी ने अपने एक बयान में कहा, “भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है। भारत के युवाओं पर भयावह एवं अप्रत्याशित ढंग से हिंसा की गई और ऐसे करने वाले गुंडों को सत्तारूढ़ मोदी सरकार की ओर से उकसाया गया है। यह हिंसा निंदनीय और अस्वीकार्य है।”

सोनिया गाँधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “पूरे भारत में शैक्षणिक परिसरों और कॉलेजों पर भाजपा सरकार से सहयोग पाने वाले तत्व एवं पुलिस रोजाना हमले कर रही है। हम इसकी निंदा करते हैं और स्वतंत्र न्यायिक जाँच की माँग करते हैं।”

वहीं, इस मामले पर राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर हुआ कायराना हमला सुनियोजित था। हिंसा का इस्तेमाल करने का मतलब लोकतांत्रिक मूल्यों को दबाने का प्रयास करना है। लेकिन वे इसमें कभी सफल नहीं हो पाएँगे। इस बीच, राकांपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री जितेंद्र आव्हाण मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर जेएनयू हिंसा के विरोध में जारी प्रदर्शन में शामिल हुए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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