छत्तीसगढ़ सरगुजा के कुंदीकला गाँव के ग्रामीणों द्वारा मुस्लिमों के बहिष्कार का वीडियो वायरल होने के बाद ऑपइंडिया ने इस मामले की जमीनी पड़ताल की। इस मामले में ऑपइंडिया ने अब तक का अपडेट लिया। गौरतलब है कि 1 जनवरी को नए साल पर जश्न के दौरान आरा गाँव के मुस्लिम समुदाय के कुछ लड़के कुंदीकला गए थे। वहाँ पर दोनों पक्षों में किसी बात को ले कर विवाद हुआ था। विवाद कुंदीकला गाँव के सरपंच के बेटों से हुआ था। कुछ दिन तक तो मामला शांत रहा, लेकिन अचानक एक दिन मुस्लिम पक्ष ने कुंदीकला गाँव पर हमला बोल दिया। उनके निशाने पर सरपंच का परिवार था, लेकिन रास्ते में ग्राम सचिव वीरेंद्र यादव का घर दिखा तो उन्हें भी घटना का जिम्मेवार मानकर उनके परिवार पर हमला बोल दिया गया।
ऑपइंडिया ने हमले के शिकार परिवार के सदस्य व ग्राम सचिव वीरेंद्र यादव से बात की। उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले 6 आरोपित पकड़े गए थे, लेकिन वो सब उसी दिन छूट गए थे। उसके बाद फिर से 7 आरोपित पकड़े गए और ये सब भी उसी दिन छूट कर वापस घर आ गए। कुल 13 हमलावरों में से अभी एक भी जेल में नहीं है।
वीरेंद्र यादव के मुताबिक, “हमारे गाँव के पास गागर नदी है। वहाँ पर बाँध बना हुआ है। इस बाँध पर लोग घूमने आते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि दोनों पक्षों का झगड़ा वहाँ शुरू हुआ, जबकि कुछ का कहना है कि विवाद पहले बाजार से शुरू हुआ था। हमारा गाँव दलित समुदाय का है। हमलावर उनके घर वालों को मारने आए थे, लेकिन उन्होंने हमारे परिवार पर हमला कर दिया। हमलावरों की तरफ से भी हमारे ग्राम प्रधान के परिवार पर केस दर्ज करवाया गया है।”
पीड़ित ने आगे बताया, “मुख्य हमलावर BDC सदस्य इलियास से मेरी पहले जान-पहचान थी। फिर भी उसने हमारे परिवार को मारा। इन सबके तमाम उलटे-सीधे काम हैं। हमलावरों के गाँव आरा में आधी आबादी हिन्दू की और आधी मुस्लिमों की है। उनका गाँव हमारे कुंदीकला गाँव से लगभग 4-5 किलोमीटर दूर है।”
इस बीच भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
ऑपइंडिया ने इस घटना के संदर्भ में कॉन्ग्रेस पार्टी के स्थानीय विधायक डॉ प्रीतम राम से बात की। उन्होंने बताया, “पीड़ित परिवारों की इच्छा अधिक-से-अधिक सजा दिलाने की होती है, लेकिन कार्रवाई कानूनी धाराओं के अंतर्गत ही की जाती है। मैं सभी प्रशासनिक अधिकारियों से सम्पर्क में हूँ और उन्हें न्यायोचित कार्रवाई करने को कहा हूँ। बीच में भाजपा और RSS के कुछ लोगों ने मामले को हिन्दू-मुस्लिम करने का प्रयास किया और एक शपथ दिलाने का वीडियो बीच में आया। गाँव वाले समझदार हैं और वो उनके बहकावे में नहीं आने वाले।”
दलित परिवार से हुई मारपीट पर SC/ST एक्ट न लगने और एक नाबालिग बच्ची की पिटाई के सवाल पर विधायक ने कहा, “मैंने भी सरपंच (मुखिया/प्रधान) से बात की है। पुलिस ने मौके से जो भी तथ्य जुटाए हैं, उसी के आधार पर कार्रवाई हुई है। गाँव वालों ने इस मामले में सच बताया है। बच्ची ने भी तब कहीं अपने साथ छेड़छाड़ आदि की लिखित शिकायत नहीं दी, अन्यथा पॉक्सो एक्ट व अन्य धाराओं में पुलिस कार्रवाई करती। मैं स्वयं पूरे मामले पर नजर रखे हुए हूँ।”
अंबिकापुर के एक अन्य कॉन्ग्रेसी विधायक चिंतामणि महाराज ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा, “जिस प्रकार से लोगों के एक पूरे समूह को शपथ दिलाई गई, उससे समाज को एक अच्छा संदेश नहीं जाएगा। यह गलत कदम था, जिसका विरोध होना चाहिए।”
ऑपइंडिया ने इस मामले में अंबिकापुर के एडिशनल SP विवेक शुक्ला से बात की। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी नए साल को जो विवाद हुआ था उस मामले में FIR पहले दर्ज की गई थी। उस FIR की जाँच अभी चल ही रही थी। इस बीच उसी घटना के गुस्से में इलियास पक्ष ने कुंदीकला गाँव में घटना की। इस घटना की FIR यादव परिवार ने दर्ज करवाई है। हमने नियमानुसार कार्रवाई की है। घटना में अब तक 13 आरोपित चिन्हित किए गए थे। उन्हें पकड़ कर न्यायालय भेज दिया गया। बाकियों को चिन्हित करने का हम प्रयास कर रहे हैं। मामले की विवेचना अभी जारी है।”