हल्द्वानी का बनभूलपुरा इलाका। कुछ समय पहले अवैध जमीन कब्जे और दंगों की वजह से काफी चर्चा में रहा था। अब वहाँ से 13 और 15 साल की 2 नाबालिग लड़कियों को बहलाफुसला कर एक मुस्लिम लड़के द्वारा भगा ले जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। इस घटना की सूचना पाकर पुलिस थाने पहुँचे हिंदू संगठनों ने माँग की है कि जल्द से जल्द लड़कियों को बरामद किया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मामला गुरुवार (20 जून 2024) का है। जब दोनों लड़कियों के लापता होने की सूचना मिली। शुरुआती जानकारी में पता चला है कि उक्त लड़कियों के साथ मोहल्ले का ही एक मुस्लिम लड़का देखा गया है, जो उन्हें साथ लेकर लालकुआँ गया, जहाँ से उसके यूपी के बदायूँ जाने की सूचना मिल रही है। शुक्रवार (21 जून 2024) को इस मामले में लड़कियों के परिजनों और जोगेंद्र राणा के नेतृत्व में हिंदू संगठनों ने पुलिस का घेराव किया और लड़कियों की बरामदगी की माँग की। इस दौरान करीब 1 घंटे तक हंगामा चलता रहा। पुलिस द्वारा लड़कियों की जल्द बरामदगी के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए।
बताया जा रहा है कि एक लड़की 11वीं की छात्रा है और दूसरी 9वीं कक्षा की। दोनों एक ही घर में रहते हैं। 9वीं कक्षा की छात्रा का परिवार किराएदार है। उन्हें एक मुस्लिम लड़के ने अपनी जाल में फँसाया और लेकर फरार हो गया। आरोपित लड़के ने एक छात्रा के भाई को धमकी भी दी थी, जिसकी वजह से छात्रा के परिजन उसकी सुरक्षा की चिंता भी जता रहे हैं।
हल्द्वानी लव जिहाद!
— Himalayan Hindu (@himalayanhindu) June 21, 2024
एक मुस्लिम लड़का कल रात दो नाबालिक हिंदू बच्चियों (13, 14 वर्ष) को भगाकर ले गया है। उनकी अंतिम लोकेशन यूपी के बंदायूं में मिलने की सूचना है। अक्रोशित हिंदू संगठन बनभूलपुरा थाने पहुंचा और पुलिस से बच्चियों के सकुशल बरामदगी की मांग करी।#Haldwani #Uttarakhand pic.twitter.com/LOMSQoVYWI
इस मामले में बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही छात्राओं को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा। लापता छात्राओं की तलाश में उत्तराखंड पुलिस की टीम को उत्तर प्रदेश भेजा गया है, जल्द ही लापता लड़कियों को बरामद कर लिया जाएगा। पुलिस के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए हैं।
बता दें कि फरवरी 2024 में नगर निगम द्वारा सरकारी जमीन से कब्जा हटाए जाने के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जमकर हिंसा की थी। हिंसा की इन वारदातों में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान कट्टरपंथी इस्लामिक भीड़ ने पत्थरबाजी-आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था और दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था।