गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र स्थित गाँव जलालपुर में एक फ़क़ीर की हत्या के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है। ये घटना 19 फरवरी की है। फ़क़ीर आस मोहम्मद के बारे में पुलिस ने रविवार (फरवरी 28, 2021) को बताया कि वो ‘तंत्र विद्या’ के नाम पर एक व्यक्ति की पत्नी का रेप करने की कोशिश कर रहा था, इसलिए उस व्यक्ति ने उसे मार डाला। नूरगंज चौराहे पर उसने तलवार से काट कर मुस्लिम फ़क़ीर की हत्या कर दी थी। मीडिया ने उसे ‘तांत्रिक’ बताया।
आरोपित ने बताया है कि आस मोहम्मद अक्सर तंत्र विद्या से संतान पैदा करने का वादा कर महिलाओं को अपने पास बुलाता था। आरोप है कि उसने इसी तरह कई महिलाओं के साथ रेप किया था। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त बाइक और तलवार बरामद कर ली है। आरोपित की पत्नी का भी उसी ‘तांत्रिक’ आस मोहम्मद के पास आना-जाना था। जब उसने महिला के साथ रेप का प्रयास किया तो पीड़िता ने अपने पति को इस बारे में बताया।
इसके बाद आग-बबूला होकर आरोपित ने आस मोहम्मद के घर में जाकर उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन उसके वहाँ न मिलने के कारण वो चौराहे पर ही उसका इंतजार करने लगा। जैसे ही वो अपने ई-रिक्शे से वहाँ से गुजरा, आरोपित ने उसे बाल पकड़ के खींच लिया। आरोपित का घर गाँव के बाहरी इलाके में है, ऐसे में उसने चोर-डाकू के भय से तलवार रखा था। 70 से अधिक CCTV फुटेज खंगाल कर पुलिस ने बाइक और आरोपित की पहचान की।
फिर उसका स्केच बनवाया गया। मुखबिरों की मदद ली गई। आरोपित मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था, जिससे उसे पकड़ने में पुलिस को दिक्कतें आईं। मृतक आस मोहम्मद के घर से एक डायरी भी मिली है, जिसमें यूनानी और देशी दवाइयों के बारे में लिखा है। पुलिस के सामने ये बात सामने आई है कि वो 50 से भी अधिक महिलाओं के साथ रेप कर चुका था। इस मामले में एक और ‘तांत्रिक’ मुस्तकीन का नाम भी सामने आया है।
तांत्रिक शब्द से ऐस प्रतीत होता है जैसे रेप का प्रयास करने वाला हिंदू हो, इसीलिए मीडिया भी फकीरों और मौलवियों के पकड़े जाने पर भी ‘धर्मगुरु’ और ‘तांत्रिक’ शब्द का धड़ल्ले से इस्तेमाल तो करता ही है, उसकी असली पहचान छिपाने के लिए खबर की हेडिंग से भी खेलता है। इस बार भी ‘आज तक’ और ‘अमर उजाला’ जैसे संस्थानों ने आस मोहम्मद का नाम छिपा कर ऐसा ही खेल किया है। आरोपित ने इस मामले में अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
मीडिया इससे पहले भी इस तरह का खेल कर चुका है। इसी तरह निकाह-हलाला के नाम पर एक युवती का बलात्कार करने वाले आरोपित अनवर खान का नाम NDTV ने उसे ‘बाबा’ कह कर छिपाया था, जैसे वो कोई हिन्दू साधु हो। इसी तरह एक अन्य बलात्कारी के मामले में नई दुनिया समेत कई मीडिया पोर्ट्ल्स ने इस खबर को प्रकाशित किया था और हेडलाइन में मुस्लिम आलिम की जगह ‘तांत्रिक’ शब्द का प्रयोग किया था।