Monday, November 4, 2024
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भजन-कीर्तन में घुस मुस्लिम भीड़ ने महिलाओं-बच्चों को लाठी-डंडों से पीटा, पुजारी को भी मारा: ‘लैंड जिहाद’ से समाधि को हड़पने की साजिश, पिछले साल प्रसाद को मारी थी लात

घटना अहमदनगर राहुरी तालुका की है। यहाँ के गुहा गाँव में एक प्राचीन धर्मस्थल है। हिन्दू पक्ष इसे संत कनिफनाथ महाराज की समाधि बताता है।

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पूजा करने गए हिन्दू श्रद्धालुओं पर हमला होने की खबर है। इस हमले में मंदिर के पुजारी सहित कुछ महिलाओं को चोटें आई हैं। हमले का आरोप राजू शेख, रज्जाक, सत्तार, नासिर और इब्राहिम के साथ इनके लगभग 40 साथियों पर लगा है। घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पीड़ित हिन्दू पक्ष ने पुलिस में तहरीर दी है जिस पर केस दर्ज कर के जाँच की जा रही है। घटना सोमवार (13 नवम्बर, 2023) की है। ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित पक्ष ने इस घटना को ‘लैंड जिहाद’ की साजिश करार दिया है।

एक स्थानीय पत्रकार बाबूलाल राठौर ने ऑपइंडिया को बताया कि घटना अहमदनगर राहुरी तालुका की है। यहाँ के गुहा गाँव में एक प्राचीन धर्मस्थल है। हिन्दू पक्ष इसे संत कनिफनाथ महाराज की समाधि बताता है। इसी गाँव और आसपास के मुस्लिम इसे वक्फ बोर्ड द्वारा रिजर्व मुस्लिमों की जमीन बताते हुए पीर की दरगाह होने का दावा करते हैं। हिन्दू पक्ष का आरोप है कि लगभग 1 साल पहले मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने संत कनिफनाथ की समाधि पर डाली गई भगवा चादर को हटा दिया और उसके बदले हरे रंग की चादर बिछा दी।

तब से इस स्थान को ले कर तनाव बना रहता है। हालाँकि, हिन्दू पक्ष ने अपना दावा नहीं छोड़ा। सोमवार (13 नवंबर, 2023) को अमावस्या होने की वजह से हिन्दू पक्ष ने अपनी पारम्परिक प्रथा बताते हुए इस स्थान पर कीर्तन-भजन और भंडारे का आयोजन किया था। इस आयोजन में महिलाओं और बच्चों की अच्छी-खासी तादाद थी। आरोप है कि सुबह 8:30 से 9:00 के बीच में लगभग 40 की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग प्रार्थना स्थल में घुस गए। इस भीड़ का नेतृत्व राजू दगु शेख, रज़्ज़ाक दगु शेख, सत्तार बशीर शेख, नासिर फतू शेख और इब्राहिम इस्माइल शेख कर रहे थे।

इन सभी ने बिना कुछ बताए कीर्तन-भजन कर रहे लोगों पर हमला बोल दिया। हमलावरों के पास लाठी-डंडे होने का भी दावा किया जा रहा है। इस हमले में महिलाओं और बच्चों के साथ पुजारी शंकर किशन माज़रे की भी पिटाई की गई। अचानक हुई इस घटना में कुछ श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं। पुलिस इन सभी का मेडिकल करवा रही है। इस मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में भगवा वस्त्र में पुजारी को पीटती भीड़ ‘मार इसको मार’ चिल्लाती सुनाई दे रही है। एक अन्य वीडियो में महिलाओं को चीखते सुना जा सकता है।

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस को देख कर हमलावर भाग खड़े हुए। घटना की जानकारी आसपास और हिन्दू समाज के लोगों को हुई तो उन्होंने हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई की माँग शुरू कर दी। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी राहुरी पुलिस थाने में जमा हो गए। पुलिस ने दी गई शिकायत पर केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। अभी तक किसी भी गिरफ्तारी की जानकारी नहीं है। पुलिस का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। गाँव में फिलहाल शांति है।

मंदिर से जुड़ी जमीन हथियाने की साजिश

ऑपइंडिया ने थाने पर मौजूद हिन्दू संगठन के एक कार्यकर्ता ऋषिकेश से बात की। ऋषिकेश ने हमें बताया कि संत कनिफनाथ समाधि मंदिर लगभग 400 साल पुराना है जो लम्बे समय से हिन्दू आस्था का केंद्र रहा है। उनका दावा है कि महज 10 साल पहले ही मुस्लिमों ने इसे रमजानी शाह की दरगाह बताना शुरू किया था। मुस्लिम पक्ष के इस दावे को ऋषिकेश बांगरे ने समाधि स्थल की लगभग 40 बीघा जमीन को हथियाने की साजिश बता रहे हैं।

बकौल ऋषिकेश, पिछले साल जनवरी 2022 में भी मुस्लिमों ने मंदिर के भंडारे वाले प्रसाद को पैर से मार कर माहौल को साम्प्रदायिक रूप से तनावपूर्ण कर दिया था। ऋषिकेश ने हमें आगे बताया कि मंदिर में पुजारी शंकर किशन माजरे पिछले कई वर्षों से पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। वो गुहा गाँव के ही रहने वाले हैं। ऋषिकेश का यह भी दावा है कि 10 साल पहले मुस्लिमों ने इस पर अपना दावा ठोका और हर साल वो अपने विवाद को बड़ा रूप देते जा रहे हैं।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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