मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक मुस्लिम महिला ने बीजेपी की सदस्यता की और बीजेपी के लिए प्रचार किया, तो उसके शौहर ने बीजेपी को वोट देने को हराम बताते हुए उसे तीन-तलाक दे दिया। यही नहीं, शौहर की माँ और बहन से भी उसकी जमकर पिटाई की। उन लोगों ने महिला को घर से निकाल दिया है और महिला किराए के घर में रहने को विवश है। महिला का निकाह 8 साल पहले हुआ था, लेकिन अब तीन तलाक दिए जाने के बाद वो बेघर हो चुकी है। महिला ने शौहर और ससुराल के पक्ष के सदस्यों पर 5 लाख के दहेज के लिए प्रताड़ित करने के भी आरोप लगाए हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पीड़ित मुस्लिम महिला ने कहा, “8 साल पहले उसका निकाह अब्दुल आशिफ मंसूरी से हुआ। निकाह के बाद से पति, सास व चार ननद मायके से दहेज में 5 लाख रुपए लाने का दबाव बनाकर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने लगे। उसे घर से निकाल दिया गया। वह बेटे के साथ किराए के मकान में रह रही है। इस दौरान शौहर अब्दुल आशिफ मंसूरी ने उसके साथ मारपीट कर तीन तलाक बोलकर रिश्ता तोड़ लिया।” महिला ने कहा कि शौहर और परिजनों ने बीजेपी को वोट देने को हराम कहते हुए तीन तलाक दिया है।
महिला ने छिंदवाड़ा कोतवाली में दी शिकायत में कहा है कि उसके शौहर ने उसे पहले 30 मार्च, 2022 को तलाक दिया और बाद में अक्टूबर और नवंबर 2023 में दो बार तलाक दिया। वहीं, महिला के शौहर ने कहा कि उसके परिवार में किसी ने भी उसे परेशान नहीं किया क्योंकि वह पिछले तीन साल से अलग रह रही थी। तलाक का मुद्दा पहले ही अदालत में दायर किया जा चुका था।
इस मामले में कोतवाली के टीआई उमेश गोल्हानी ने बताया, “पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से प्रभावित होकर उसने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को अपना वोट दिया। उसने बीजेपी के लिए प्रचार भी किया था। इससे महिला का पति, सास व ननद नाराज हो गए। इसके बाद पति ने मारपीट करने के साथ तीन तलाक कहकर उससे रिश्ता तोड़ लिया।”