तीन तलाक से जुड़े अधिकांश मामलों में अभी तक पीड़िता के पति या फिर ससुराल वालों को गुनहगार पाया जाता रहा है। लेकिन, उत्तरप्रदेश के मेरठ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहाँ लड़की ने अपने पति या ससुराल वालों के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि अपने खुद के माँ-बाप पर केस दर्ज करवाया है। लड़की की शिकायत में तीन तलाक कराने वाली पंचायत में शामिल लोगों के नाम भी हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक ढबाईनगर निवासी आयशा ने नौचंदी थाने में अपने माता-पिता के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी व जानलेवा हमले सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। उसका कहना है कि उसका निकाह 9 मार्च 2014 को सरफराज पुत्र हाजी असगर से हुआ था। उसके 2 बच्चे भी हैं। उसके मुताबिक वह ससुराल में थोड़ी कहासुनी के कारण अपने माँ-बाप के घर रहने आई थी, लेकिन मायके में उसके माँ-बाप ने धोखे से उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिया, जिनमें तीन अलग-अलग तरीकों से तलाक देने का जिक्र हुआ था।
महिला की मानें तो जब उसे एहसास हुआ कि उसका धोखे से तीन तलाक करवा दिया गया है तो उसने इसका विरोध करना शुरू किया। इस दौरान महिला अपने ससुराल लौटने की बात कहती रही, लेकिन उसके पिता ने उसे धमकी दी कि अगर वह ससुराल गई तो वह उसकी माँ को तलाक दे देगा और घर से भी निकाल देगा।
अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि उसका तलाक कराए जाने में उसकी माँ नाजिमा भी शामिल हैं। उसका कहना है कि उसके माँ-बाप ने ससुराल वालों से तीन तलाक के बाद 21 लाख रुपए हड़प लिए हैं और अब रुपए हाथ में आते ही उसे घर से भी निकाल दिया। महिला ने इस मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई हैं।
आयशा का कहना है कि उसके अम्मी-अब्बू ने फर्जी कागजात तैयार करवाए और उसमें दिखाया कि तीन अलग-अलग तारीखों में उसने अपने पति को तलाक दिया, जबकि यह बात गलत है। उसकी मानें तो 17 जून को पिता आफताब अंसारी और माँ नाजिमा ने मोहल्ले के कुछ लोगों के साथ मिलकर साजिश रची और उसका तलाक करवाया।
जानकारी के मुताबिक पुलिस तक मामला पहुँचते ही 8 सितंबर को माता-पिता उसे नौचंदी थाने से घर ले गए। 10 सितम्बर को जब दोबारा कुछ विवाद हुआ तो उसने अपने पति सरफराज के घर जाने की बात कही, जिसपर आफताब अंसारी (पिता) और नाजिमा (माँ) ने उसे पीटा और जान से खत्म करने की नीयत से हमला भी किया।
महिला का कहना है कि अब वह अपने बच्चों से मिलने के लिए दर-दर भटक रही है। इस मामले में इंस्पेक्टर नौचंदी तपेश्वर सागर ने बताया कि आयशा की शिकायत पर उसके माँ-बाप के ख़िलाफ़ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उन अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है जिन्होंने पंचायत की आड़ में तीन तलाक का फरमान सुनाया।