तीन तलाक को अपराध बनाने से मुस्लिम महिलाओं को किस कदर ताकत मिली है इसका एक प्रमाण आजम खान के संसदीय क्षेत्र रामपुर की एक महिला ने दिया है। 52 वर्षीय महिला ने काउंसलिंग के दौरान तीन तलाक का पेपर शौहर के सामने फाड़ते हुए दो टूक कहा कि अब यह नहीं चलने वाला है। दंपती को काउंसलिंग के लिए मुरादाबाद के नारी उत्थान केन्द्र में बुलाया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित महिला ने मुरादाबाद एसपी को शिकायत करते हुए पति पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। एक जुलाई को शौहर ने कागज पर तीन बार तलाक लिखकर उसे थमा दिया। इसके बाद एसपी ने इस दंपती को नारी उत्थान केन्द्र जाकर काउंसलर से मिलने को कहा।
मंगलवार को काउंसलर संध्या राउत ने काउंसलिंग के लिए दंपती को बुलाया था। काउसंलर दोनों की बात सुन ही रहे थे कि पत्नी ने तीन तलाक के पेपर को फाड़ दिया। बीवी के इस तेवर से शौहर के होश गुम हो गए और वह उसे साथ रखने को राजी हो गया। दोनों की शादी 26 साल पहले हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं।
रावत ने बताया, “काउंसलिंग के दौरान महिला ने साहस दिखाते हुए पति से दो टूक कहा कि इस तरह वह उसे छोड़कर नहीं जाने वाली है और कागज के एक टुकड़े पर तीन बार तलाक लिख देने का कोई मतलब नहीं है। जब वह तीन तलाक के कागज को फाड़ रही थी तो हमने इसे मोबाइल में शूट कर लिया।”
उन्होंने कहा कि यह बेहद भावुक था। उम्मीद है कि भविष्य में यह वीडियो दिखाकर हम और दंपतियों के बीच सुलह करवाने में कामयाब होंगे।
तीन तलाक को अपराध बनाने वाले ऐतिहासिक बिल के अमल में आने के बाद इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले सहारनपुर में मोहम्मद अली ने कानून के डर से अपनी पत्नी को अपना लिया था।