Saturday, November 2, 2024
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माँ और जाति की गाली देकर मुस्लिमों ने धारदार हथियारों से किया घायल: बेगूसराय में महादलितों का आरोप

"तुम्हारा कोई हिन्दू बाप बचाने नहीं आएगा" - वो लोग लगातार यह बोल रहे थे और गाली दे रहे थे। इलाक़े के अन्य हिन्दू भी खुल कर समर्थन में बोलने में हिचक रहे हैं क्योंकि मुस्लिमों की संख्या यहाँ हिन्दुओं से कई गुना ज्यादा है।" - पीड़ित शंकर पासवान ने बताया कि...

बिहार के बेगूसराय से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा महादलितों की पिटाई करने और उन पर अत्याचार करने का मामला सामने आया है। ये घटना बरौनी थाना क्षेत्र स्थित पिपरा देवास गाँव की है, जहाँ शंकर पासवान और उनके परिवार वालों के साथ ज्यादतियाँ की गईं। ये इलाक़ा पहले से ही संवेदनशील है और यहाँ पहले भी इस तरह की घटना कई बार हो चुकी है। ऑपइंडिया ने इस सम्बन्ध में पीड़ितों से बातचीत की और उनका पक्ष जाना।

क्या कहते हैं स्थानीय हिन्दू संगठन और ग्रामीण?

‘हिन्दू संघर्ष समिति’ के युवाओं का कहना है कि पिपरा देवास पंचायत के वार्ड नंबर 13 में महादलित समुदाय के ऊपर अत्याचार किया गया। सोमवार (जुलाई 6, 2020) को जिले के बरौनी प्रखण्ड के पिपरा देवास पंचायत के शिव मंदिर के प्रांगण में ‘हिंदू संघर्ष समिति’ के बैनर तले ग्रामीण विजय पासवान की अध्यक्षता में आयोजित सभा में पीड़ित शंकर पासवान ने बताया कि मुस्लिम युवक नशे में धुत होकर महादलितों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं।

ताज़ा घटना में भी स्थानीय मुस्लिम युवकों पर महादलितों को ‘दुसाध-दुसाध’ बोल कर जाति के नाम पर अपमानित करने का आरोप लगाया गया है। शंकर पासवान का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के असामाजिक तत्वों द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं को भी गालियाँ बकी जाती हैं।

उन्होंने बताया कि जब आरोपितों को मना किया गया तो उन्होंने असलहे, तलवार, लाठी-डंडे, लोहे के रॉड और भालों के साथ उनके मोहल्ले को घेर लिया और विधवा मुन्नी देवी के खपरैल घर को दारू की बोतलों और ईंट से मार कर चूर-चूर कर दिया।

वहीं विजय पासवान को प्रशासन से भी शिकायतें थीं। उन्होंने कहा कि घायलों पर FIR करना प्रशासन की दमनकारी नीति को दिखाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन के कारण दर्जनों हिन्दू परिवार प्रताड़ित होने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटना के 5 दिन बीतने के बावजूद असामाजिक तत्वों में से एक को भी गिरफ़्तार नहीं किया गया, जो प्रशासन के तानाशाही रवैये का प्रदर्शक है।

‘हिन्दू संघर्ष समिति’ के ही एक अन्य सदस्य बिट्टू शाह का कहना है कि जिला प्रशासन ने अगर आरोपितों की गिरफ़्तारी नहीं की तो राष्ट्रवादी युवाओं द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष दीपक पोद्दार ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस मामले को संज्ञान में लिया जाए नहीं तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है। ग्रामीणों में इस काण्ड को लेकर आक्रोश व्याप्त है।

थाने में दर्ज कराई गई FIR में क्या है?

थाने में दोनों ही पक्षों द्वारा FIR दर्ज कराई गई है। इसके अनुसार मोहम्मद छोटू और राजा मियाँ सहित मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों ने महादलित समुदाय से आने वाले विवेक कुमार के साथ गाली-गलौज किया और जातिगत टिप्पणी की। विवेक अपने अन्य साथियों के साथ एक दुकान पर गए हुए थे, तब ये घटना हुई। एफआईआर में शंकर पासवान ने लिखा है कि वो मजदूरी कर के घर लौटे थे, तभी उन्हें विवेक के साथ हुई घटना की सूचना मिली।

एफआईआर के अनुसार, विवेक जब रोते-रोते घर आए तो शंकर पासवान ने अपने समाज के कुछ लोगों के साथ जाकर दुकान पर जब इस बारे में शिकायत की तो मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद खालिद, मोहम्मद ज़ुबैर, मोहम्मद इस्राइल, मोहम्मद शादिक मियाँ, मोहम्मद इमरान और मोहम्मद मंजूर आलम सहित अन्य मुस्लिम समुदाय के लोग उग्र हो गए। उन्होंने महादलित समुदाय के लोगों को गाली देना और जातिसूचक टिप्पणी करना शुरू कर दिया।

एफआईआर में कई मुस्लिमों पर मारपीट का आरोप

एफआईआर के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के आरोपितों ने महादलितों के घर की बहू-बेटियों की इज्जत लूट लेने की धमकी दी और साथ ही पूछा कि भला एक ‘दुसाध’ क्या कर लेगा? इसके बाद शंकर पासवान के सिर पर ईंट से वार किया गया जबकि विवेक पर भी धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। इससे अमित और सोनू सहित कई अन्य लोग घायल हो गए। शंकर पासवान ने शिकायत दर्ज कराई है कि उस तरफ से कई अन्य अभियुक्त लगातार ईंट-पत्थर चला रहे थे।

साथ ही मोहम्मद ज़ुबैर पर शंकर पासवान के गले से सोने का नकली हार भी छीन लेने का आरोप है, जिसकी क़ीमत 1000 रुपए बताई गई है। एफआईआर के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के आरोपित माँ की गाली देते हुए लगातार धमका रहे थे कि सारे महादलितों को उजाड़ कर भगा दिया जाएगा। साथ ही महादलित समुदाय की लड़कियों के साथ छेड़खानी किए जाने का भी आरोप लगाया गया है।

ऑपइंडिया से बोले पीड़ित शंकर पासवान

ऑपइंडिया ने बेगूसराय के पीड़ित शंकर पासवान से बातचीत की, जिन्होंने कहा कि उनके बच्चों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, उससे उनके समाज का वहाँ रहना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि विवेक तो बस दुकान से सामान लेने गया था लेकिन मामूली कहासुनी के बाद वो लोग मारपीट व गालीगलौज पर उतर आए। शंकर का कहना है कि वो लोग लगातार बोल रहे थे कि “तुम्हारा कोई हिन्दू बाप बचाने नहीं आएगा” और गाली दे रहे थे।

उन्होंने ऑपइंडिया को बताया कि वो लोग मजदूरी कर के अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि इलाक़े के अन्य हिन्दू भी खुल कर उनके समर्थन में बोलने में हिचक रहे हैं क्योंकि मुस्लिमों की संख्या वहाँ हिन्दुओं से कई गुना ज्यादा है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के 20-25 लोगों ने उनके साथ मारपीट की जबकि इधर सिर्फ़ 4-5 लोग ही थे। उन्होंने कहा कि कइयों के हाथ-पाँव व सिर में चोटें लगी हैं।

पीड़ित शंकर पासवान द्वारा दर्ज कराई गई FIR

शंकर पासवान ने कहा कि उनकी गली में घुस पर छप्पर पर ईंट-पत्थर फेंके गए। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों पर महादलितों के शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वो लोग ग़रीब हैं, इसीलिए उनकी कोई सुन भी नहीं रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि पहले भी उनलोगों ने मारपीट की थी लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बीच-बचाव करने के बाद समझौता करा दिया गया था। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उनके बाल-बच्चों का क्या होगा, वो यही सोच कर काँप उठते हैं।

मुस्लिम पक्ष के FIR में क्या है?

वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से एक महिला ने FIR दर्ज कराइ है। जो मोहम्मद अब्बास नामक आरोपित की पत्नी हैं। उन्होंने महादलित समुदाय के लोगों पर उनके घर की महिलाओं के साथ छेड़खानी का आरोप लगाया। FIR में आरोप लगाया गया है कि आरोपित उनके घर के सामने आकर अड्डेबाजी करते हैं, परिवार के लोगों को ‘गालत नीयत से’ देखते रहते हैं और मना करने पर कहते हैं कि ये तुम्हारे बाप की जमीन नहीं है।

मुस्लिम पक्ष द्वारा दर्ज कराई गई FIR

मुस्लिम पक्ष की ओर से दर्ज की गई FIR में पूरे मामले के लिए हिन्दू समाज को ही दोषी ठहराया गया है। महिला ने कहा है कि पासवान समुदाय के लोग मुस्लिम मोहल्लों पर आक्रमण कर देते हैं, जो बाद में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक तनाव का रूप ले लेता है। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की माँग की गई है।

मुस्लिम पक्ष का क्या कहना है?

हमने मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर FIR में मौजूद फोन नंबर से बात करने की कोशिश की। उन्होंने हमसे कहा कि वो फिलहाल कचहरी में थे और कल ही बात कर पाएँगे। ऑपइंडिया लगातार दूसरे पक्ष की बात जानने की कोशिश कर रहा है। जैसे ही हमारा सम्पर्क स्थापित होता है, हम इस खबर को अपडेट करेंगे।

पुलिस का क्या कहना है?

हालाँकि, पुलिस ने पक्षपात के आरोपों को नकार दिया है। बरौनी पुलिस ने बताया कि पुलिस ने इस घटना की सूचना मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। पुलिस का कहना है कि महादलित समुदाय के घायलों को पुलिस की ही गाड़ी से अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ से उन सबको सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है, जिसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

शंकर पासवान ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस ने घायल महादलित समाज के लोगों को अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुँचाया। हालाँकि उनका आरोप था कि पुलिस शांत होकर बैठी हुई है। जबकि पुलिस ने कहा कि दोनों तरफ के लोगों से शिकायतें मिली हैं और ऐसे मामलों में शांति बनाए रखना पहली प्राथमिकता होती है। इलाक़े में पुलिस अधिकारियों ने ही जाकर पूरे मामले को शांत कराया था।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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